पति-पत्नी एक गाड़ी के दो पहिए होते हैं। यानी एक-दूसरे के बिना वे अधूरे हैं। इसके बाद भी पति-पत्नी में विवाद होते रहते हैं। कई बार विवाद काफी बड़ भी जाते हैं। आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि (2 से 9 जुलाई तक) में कुछ साधारण उपाय करने से दाम्पत्य जीवन में आ रही परेशानियों को दूर किया जा सकता है। ये उपाय इस प्रकार हैं-
उपाय
1- यदि जीवनसाथी से अनबन होती रहती है तो गुप्त नवरात्रि में नीचे लिखे मंत्र को पढ़ते हुए 108 बार अग्नि में घी से आहुतियां दें। इससे यह मंत्र सिद्ध हो जाएगा। अब नित्य सुबह उठकर पूजा के समय इस मंत्र को 21 बार पढ़ें। यदि संभव हो तो अपने जीवनसाथी से भी इस मंत्र का जप करने के लिए कहें-
सब नर करहिं परस्पर प्रीति।
चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीति।।
2- नवरात्रि में रोज शाम को भगवान लक्ष्मीनारायण के मंदिर में दर्शन के लिए जाएँ और वहां उन्हें बेसन के लड्डुओं को प्रसाद चढ़ाएं। इससे शीघ्र ही आप दोनों के मध्य वैचारिक सामंजस्य अच्छा रहने लगेगा।
3- रोज सुबह-शाम यदि घर में शंख बजाया जाए जाए अथवा गायत्री मंत्र का जप करें गृहक्लेश समाप्त हो जाता है।
4- कुंडली में स्थित राहु के कारण यदि दाम्पत्य जीवन में मतभेद हो रहे हो तो मां सरस्वती की पूजा करें। उन्हें नीले रंग का पुष्प अर्पित करें और सरस्वती चालीसा का पाठ करें।
5- यदि परिजनों के मध्य अशांति हो रही हो तो नवरात्रि में प्रतिदिन इस मंत्र को स्फटिक की माला से भगवान राम और माता सीता के सम्मुख 324(तीन माला) बार जपें। इसके बाद अंतिम नवरात्र को इस मंत्र का उच्चारण करते हुए 11 बार घी से अग्नि में आहुति प्रदान करें। भगवान को खीर का भोग लगाएं
मंत्र- जब ते राम ब्याहि घर आए।
नित नव मंगल मोद बधाए।।
उपाय
1- यदि जीवनसाथी से अनबन होती रहती है तो गुप्त नवरात्रि में नीचे लिखे मंत्र को पढ़ते हुए 108 बार अग्नि में घी से आहुतियां दें। इससे यह मंत्र सिद्ध हो जाएगा। अब नित्य सुबह उठकर पूजा के समय इस मंत्र को 21 बार पढ़ें। यदि संभव हो तो अपने जीवनसाथी से भी इस मंत्र का जप करने के लिए कहें-
सब नर करहिं परस्पर प्रीति।
चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीति।।
2- नवरात्रि में रोज शाम को भगवान लक्ष्मीनारायण के मंदिर में दर्शन के लिए जाएँ और वहां उन्हें बेसन के लड्डुओं को प्रसाद चढ़ाएं। इससे शीघ्र ही आप दोनों के मध्य वैचारिक सामंजस्य अच्छा रहने लगेगा।
3- रोज सुबह-शाम यदि घर में शंख बजाया जाए जाए अथवा गायत्री मंत्र का जप करें गृहक्लेश समाप्त हो जाता है।
4- कुंडली में स्थित राहु के कारण यदि दाम्पत्य जीवन में मतभेद हो रहे हो तो मां सरस्वती की पूजा करें। उन्हें नीले रंग का पुष्प अर्पित करें और सरस्वती चालीसा का पाठ करें।
5- यदि परिजनों के मध्य अशांति हो रही हो तो नवरात्रि में प्रतिदिन इस मंत्र को स्फटिक की माला से भगवान राम और माता सीता के सम्मुख 324(तीन माला) बार जपें। इसके बाद अंतिम नवरात्र को इस मंत्र का उच्चारण करते हुए 11 बार घी से अग्नि में आहुति प्रदान करें। भगवान को खीर का भोग लगाएं
मंत्र- जब ते राम ब्याहि घर आए।
नित नव मंगल मोद बधाए।।
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