Sunday, February 26, 2012

राशि अनुसार करें यह उपाय, बिजनेस में मिलेगी सक्सेस

क्या आपका बिजनेस ठीक से नहीं चल रहा या फिर आपको बिजनेस में सक्सेस नहीं मिल पा रही है। यदि आप चाहते हैं कि आपको बिजनेस में जबर्दस्त सक्सेस मिले तो आपको नीचे लिखे उपाय करने होंगे। ये उपाय राशि के अनुसार हैं यानी अपनी राशि के अनुसार ही आपको उपाय करना है। ये उपाय इस प्रकार हैं-

मेष- इस राशि के लोग लाल कपड़े में सवा किलो मसूर की दाल बांधकर घर या अपनी दुकान में रखें। दुकान ठीक से चलने लगेगी।

वृषभ- वृषभ राशि के लोग गंगा या अन्य पवित्र नदी का जल मटके में लेकर उसे सफेद कपड़े से ढंककर अपने घर, दुकान या कारखाने में रखें।

मिथुन- मिथुन राशि के लोग एक कांसे का बर्तन हरे कपड़े में बांधकर घर और दुकान में पूर्व दिशा की ओर रखें। तरक्की अवश्य होगी।

कर्क- इस राशि के लोग चांदी का एक सिक्का किसी डिब्बी या बर्तन में भरे पानी में डालकर घर या दुकान में पूर्व दिशा में रखें।

सिंह- सिंह राशि वाले लोग एक कटोरी में सैंधा नमक भरें और उसे घर एवं व्यापार स्थर पर पूर्व दिशा में रखें।

कन्या- इस राशि के जातक कटोरी में कर्पूर डूबोकर दुकान या घर में पूर्व दिशा की ओर रखें।

तुला- कोई भी सफेद रंग की मूर्ति घर या व्यापार स्थल पर रखें। यह जरुरी नहीं कि मूर्ति किसी देवी-देवता की ही हो।

वृश्चिक- इस राशि वालों को शहद की शीशी लाल कपड़े में लपेट कर घर या दुकान के दक्षिणी कोने में रखनी चाहिए।

धनु- धनु राशि के  लोगों को पीले कपड़े में कोई भी धार्मिक पुस्तक लपेट कर निवास, दुकान या फैक्ट्री के पूर्वी कोने में रखें।

मकर- मकर राशि के लोगों के लिए नारियल के तेल में काले तिल एवं नारियल पर काला धागा बांध कर दोनों वस्तुएं घर या दुकान के पूर्वी कोने में रखना शुभ होता है।

कुंभ- नारियल के दो सूखे गोलों में अनाज भरकर एक का दान कर दें और दूसरा घर या दुकान में रखें।

मीन- मीन राशि के जातक 21 सिक्के पीले कपड़े में बांध कर घर या दुकान के ईशान कोण में रखें

कुंडली से जानिए, कितने मकानों के मालिक बनेंगे आप

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति की कुंडली देखकर यह बताया जा सकता है कि उसके पास स्वयं का घर होगा या नहीं या फिर वह कितने मकानों का मालिक होगा। नीचे कुछ ऐसे ही योग दिए गए हैं जिनसे आप जान सकते हैं कि आपके भाग्य में कितने मकान हैं-

1- जन्म कुण्डली के चौथे भाव में या चौथे भाव का स्वामी चर राशि(मेष, कर्क, तुला, मकर) में हो और चौथे भाव का स्वामी शुभ ग्रहों से युत हो तो ऐसा व्यक्ति अनेक भवनों में रहता है और उसे अनेक भवन बदलने पड़ते हैं। यदि चर की जगह स्थिर राशि (वृष, सिंह, वृश्चिक, कुंभ) हो तो व्यक्ति के पास स्थाई भवन होते हैं।

2- जन्मकुण्डली के चौथे भाव का स्वामी (चतुर्थेश) बली हो तथा लग्न का स्वामी, चौथे भाव का स्वामी, दूसरे भाव का स्वामी इन तीनों में से जितने ग्रह केंद्र-त्रिकोण (1, 4, 5, 7, 10) भाव में हो उतने भवन होते हैं।

3- जन्मकुण्डली में नौंवे भाव का स्वामी दूसरे भाव में और दूसरे भाव का स्वामी नौवें भाव में स्थित हो अर्थात परिवर्तन योग हो तो ऐसे व्यक्ति का भाग्योदय बारहवें वर्ष में होता है और 32 वें वर्ष के उपरांत उसे वाहन, भवन और नौकर का सुख मिलता है।