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ऋणहर्ता गणेश मंत्र
ऊँ श्री गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नम: फट्
जप विधि
- सुबह जल्दी उठकर नित्य कर्मों से निवृत्त होकर साफ वस्त्र धारण करके भगवान गणेश का पूजन करें। उन्हें दुर्वा चढ़ाएं, धूप, दीप व नैवेद्य अर्पण करें।
- इसके बाद एकांत स्थान पर बैठकर पूर्व दिशा में मुखकर कुश के आसन पर बैठ जाएं।
- रुद्राक्ष अथवा पन्ना की माला से इस मंत्र का कम से कम 5 माला जप करें।
- एक ही समय, स्थान, आसन व माला हो तो ठीक रहता है।
कुछ ही दिनों में आपकी कर्ज संबंधी समस्याएं दूर हो जाएंगी और आपका जीवन फिर पहले जैसा सुखमय हो जाएगा।