Sunday, July 17, 2016

शनि और अपना-घर

★ शनि और अपना-घर

•• अपना घर होना यां लेना, सभी का सपना होता है । लोग इसके लिये बहुत प्रयास करते हैं । कभी-कभी इसके लिये पूरा जीवन गुजर जाता है । लोग अक्सर सोचते हैं कि - पता नहीं, उनका घर कब बनेगा यां बनेगा भी नहीं । लेकिन फिर देर-सवेर कुछ लोग अपना घर बना भी लेते है । कुछ लोग प्रयास करते रहते है ।
लेकिन इसमें किस्मत का तीखा मोड़ तब प्रकट होता है । जब आप अपना घर ले लेते हैं और विशेष घटनायें घटित होने लगती है । जैसे घर लेते ही धन की बरसात होने लगती है । सब जगह से बस धनलाभ ही धनलाभ होने लगता है । कई वर्षों से अटके हुये शादी-ब्याह होने लगते है । मेहमानों की आवाजाही बढ़ जाती है । पारिवारिक वृद्धि होने लगती है । व्यापार में बढ़ोतरी, नौकरी में उन्नति और कीर्ति बढ़ने लगती है । लेकिन फिर कुछ घर लेने वालों को कुछ अशुभ फल भी देखने को मिलते है । जैसे नये घर में आते ही धन-हानि होने लगती है । परिवार के लोग बीमार होने लगते है और बिमारी पीछा ही नहीं छोड़ती । विवाह के लायक युवक-युवतियां विवाह को तरस जाते हैं ।
बे-वजह लोग मृत्यु का ग्रास बनने लगते हैं । व्यापार में नुक्सान, नौकरी में अवनति और अपयश का भागी बनने लगते हैं ।
किसके लिये कौनसा घर शुभ यां अशुभ सिद्ध होगा कहना मुश्किल होता है और घर लेने के लिये वर्षों की मेहनत क्या रंग लायेगी - भविष्य के गर्भ में छुपा होता है ।
भविष्य का सम्बन्ध ज्योतिष से है और लाल-किताब हमें बताती है कि आपकी कुंडली में शनि जहाँ होगा अपने घर का वैसा फल आपको मिलेगा ।
•• लाल-किताब कहती है । किसी की  कुंडली में अगर शनि, प्रथम भाव में है । तो उसको आर्थिक हानि होगी और ऐसा अपना घर लेते ही होगा । लेकिन बलवान शनि, स्वराशि और उच्च का शनि आर्थिक हानि से बचा सकता है ।
•• किसी की कुंडली में शनि अगर द्वितीय भाव में हो तो घर जैसे भी बने उसे बनने देना चाहिये । आप घर के बनने को रोके नहीं, घर बनते ही शनि बलवान हो जाता है और आर्थिक स्तिथि शुभ हो जाती है ।
•• तृतीय भाव में शनि होने से अपना घर बनाना शुभ नहीं होता । पहले तो बंनाने में ही बहुत दिक्कते आती हैं । फिर भी घर बंनाने से पहले अगर तीन कुत्ते पालें जाएँ तो घर आसानी से बन जाता है ।
•• चतुर्थ भाव में अगर शनि हो तो अपना घर बना लेने के बाद माँ और माँ सामान स्त्रियों पर बुरा प्रभाव पड़ता है ।
•• अगर पंचम भाव में शनि हो तो अपना घर बना लेने के बाद संतान पर बुरा प्रभाव पड़ता है । लेकिन संतान ही घर बनाये तो शुभ होता है । फिर जातक खुद घर बनाना चाहे तो किसी काले जानवर जैसे भैंस आदि को दान किया जाये यां उसे खरीदकर जिन्दा छोड़ दिया जाये फिर अपना घर बनाया जाये और 48 वर्ष के बाद बनाया जाये तो शुभ होता है ।
•• अगर शनि षष्ठ भाव में हो तो 39 वर्ष के बाद घर बनाना चाहिये अन्यथा बेटियों और उनकी ससुराल में संकट पैदा होता है ।
•• अगर शनि सप्तम भाव में हो तो जातक को बना-बनाया घर मिलता है और उसके लिये बहुत शुभ होता है ।
•• अष्टम में शनि हो तो अपने घर के लिये बहुत अशुभ सिद्ध होता है । घर का निर्माण आरम्भ होते ही घर में मृत्यु दर बढ़ जाती है ।
•• शनि अगर नवम भाव में हो और जातक की पत्नी गर्भवती हो तो घर का निर्माण जातक की मृत्यु का कारण बन जाता है ।
•• दशम का शनि हो तो घर का निर्माण जातक की आमदनी बंद करवा देगा । जब तक घर का निर्माण आरम्भ नहीं होता अच्छी आमदनी होती रहेगी । ऐसे में अपने चाचा से क़र्ज़ लेकर घर बनाना शुभ होगा ।
•• अगर शनि एकादश भाव में हो तो अपना घर देरी से बनता है । लेकिन अगर उस घर का द्वार दक्षिण दिशा में हुआ तो जातक लंबी बिमारी के कारण बिस्तर पकड़ लेगा ।
•• अगर शनि द्वादश भाव में हो तो जातक का अपना घर जल्दी ही बन जाता है और उसे इसके लिये ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती और घर भी शुभ सिद्ध होता है । चाहे शनि का शत्रु सूर्य भी शनि के साथ हो ।
बहरहाल, पाराशर-पद्धति से कुंडली में और भी कई योग अपने घर के लिये दर्शाये गये है । कुंडली का सभी तरह से विश्लेषण आवश्यक है । ये तो बस एक शनि ग्रह का ही विश्लेषण है ।

नोट :- किसी भी निर्णय को करने से पहले अथवा अपना घर बनाने से पहले अपने ज्योतिषी और वास्तु सलाहकार से संपर्क अवश्य करें ।

विकास नागपाल
ज्योतिष एवं वास्तु सलाहकार
करनाल ।
8607627999
9215588984