हर व्यक्ति का सपना होता है अपना घर। महंगाई के इस जमाने में एक आम आदमी को अपना घर बसाने के लिए जीवन भर की जमा पूंजी लगानी पड़ती है। इसलिए जरूरी है कि घर ऐसे स्थान पर हो जहां आप अपने परिवार के साथ सुकून के पल बिताएं।
वास्तुविज्ञान में कहा गया है कि जहां दक्षिण दिशा ढाल वाली हो उस स्थान पर घर बनाने से स्त्रियों को कष्ट होता है। इसी तरह वास्तु में कई अन्य स्थानों का भी उल्लेख किया गया है जिसका वर्णन भविष्य पुराण में भी मिलता है।
भविष्य पुराण के अनुसार घर ऐसे स्थान पर होना चाहिए जहां की भूमि की ढाल पूर्व या उत्तर की ओर हो। मंदिर पूजनीय और पवित्र स्थान होता है लेकिन इसके आस-पास का स्थान गृहस्थों के निवास के लिए नहीं होता है।
इसका कारण संभवतः यह हो सकता है कि मंदिर की घंटी, मंत्र और शंख की ध्वनि भक्ति की भावना को अधिक उभारता है जिससे गृहस्थी से मन उचाट हो सकता है। घर पर मंदिर की छाया का पड़ना उन्नति में बाधक होता है।
जिस स्थान पर मांस-मदिरा बेचा जाता हो, जुआ खेलने वाले लोग आते हों ऐसे स्थान पर भी घर नहीं बसाना चाहिए। इससे घर में रहने वालों को मान-सम्मान का खतरा रहता है।
घर में रहने वालों पर नकारात्मक सोच हावी रहता है जिससे व्यक्तित्व के विकास में बाधा आती है। नगर का द्वार, चौक-चौराहे, राजकर्मचारी के निवास स्थान एवं राजमार्ग के आस-पास भी घर नहीं बसाना चाहिए।
घर बसाने के लिए उचित स्थान
- भविष्य पुराण कहता है कि गृहस्थों को ऐसे स्थान पर घर बसाना चाहिए जहां बुद्घिजीवी और विद्वान लोग रहते हों।
- जहां आवागमन के लिए साफ और सुव्यवस्थित रास्ते बनें हों।
- जहां घर बसाने जा रहे हों वहां के लोगों के व्यवहार के विषय में पहले जान लें। जहां के लोग व्यवहारिक हों, समय-समय पर एक दूसरे का साथ दें, वहां पर घर बसाएं।
- दुष्ट विचार रखने वालों के आस-पास घर नहीं बसाना चाहिए। यह भी ध्यान रखना चाहिए कि अधिक धनवान एवं अपने से कम आय वालों के बीच बसना भी उचित नहीं होता है।
- भविष्य पुराण कहता है कि पड़ोसियों के बारे में जानने के बाद ज़मीन की पूरी जानकारी कर लें कि, इस पर कोई विवाद तो नहीं है।
- पड़ोसियों को हमेशा मित्र बनाए रखने की कोशिश करें।