Sunday, September 4, 2011

गालों का रंग बता देता है हाव-भाव और आदत


क्या आप जानते हैं कि किसी भी व्यक्ति के गालों के रंग को देखकर उसका स्वभाव मालूम किया जा सकता है? जी हां, यह संभव है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शरीर के अंगों की बनावट को देखते हुए किसी भी व्यक्ति के स्वभाव, हाव-भाव और आदतों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। जिन ग्रह-नक्षत्रों का प्रभाव हमारे ऊपर सर्वाधिक होता है उसी के अनुसार हमारे गुण और अवगुण होते हैं।

जिन लोगों के गालों का सफेद रंग होता है वे अक्सर अस्वस्थ रहते हैं। वे अधिकांशत: किसी न किसी बीमारी से त्रस्त रहते हैं। ऐसे लोगों में निराशा रहती है और वे आलसी भी हो सकते हैं। इन लोगों में अनिश्चितता की भावना अधिक होती है। हर कार्य को अपने ही ढंग से करते हैं। इसके अलावा जिन लोगों के गालों का रंग लाल है वे लोग थोड़े गुस्से वाले होते हैं। छोटी-छोटी बातों में ही इन्हें क्रोध आ जाता है।

ये लोग साहसी, युद्धप्रिय व उत्तेजित व्यक्तित्व के होते हैं। ये लोग किसी भी कार्य को बहुत अच्छे ढंग से पूर्ण करते हैं। जिन लोगों के गालों का रंग गुलाबी दिखाई देता है वे लोग संतुलित मानसिकता के होते हैं।

किसी भी परिस्थिति में खुद को बहुत अच्छे से सेट कर लेते हैं। हर कार्य को करने की इनकी एक विशेष शैली होती है। इन लोगों को जीवन में कई उपलब्धियां हासिल होती हैं। किसी भी व्यक्ति के संबंध में सटीक भविष्यवाणी करने के लिए उसके विषय में गहराई से अध्ययन करने की आवश्यकता होती है। तभी सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

तिल्ली के तेल का दीपक जलाएं और गरीबी से पीछा छुड़ाएं...

धर्म-ज्योतिष को मानने वाले लोग शनिदेव और शनि के प्रभावों को अच्छे से जानते हैं। ऐसा माना जाता है कि शनि बुरे फल ही प्रदान करता है। ज्योतिष के अनुसार शनि को न्यायाधिश का पद प्राप्त है। इसी वजह से इन्हें क्रूर देवता माना जाता है। हमारे द्वारा किए गए कर्मों का फल शनिदेव साढ़ेसाती और ढैय्या के समय में प्रदान करते हैं।

यदि किसी व्यक्ति से जाने-अनजाने कोई पाप या गलत कार्य हो गया है तो शनिदेव ऐसे लोगों को निश्चित समय पर इन कर्मों का फल प्रदान करते हैं। ऐसे में यदि किसी व्यक्ति को अत्यधिक कष्ट भोगना पड़ रहे हैं तो इन अशुभ फलों के प्रभावों को कम करने के लिए कुछ ज्योतिषीय उपाय बताए गए हैं।

कुछ लोगों की कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हो तो उसे जीवनभर कई प्रकार के कष्ट उठाने पड़ते हैं। ऐसे में प्रति शनिवार यह उपाय अपनाएं-

शनिवार को प्रात: ब्रह्म मुहूर्त में उठें और नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नानादि करके पवित्र हो जाएं। इसके बाद जल, दूध, तिल्ली के तेल का दीपक लेकर किसी पीपल के वृक्ष के समीप जाएं। अब पीपल पर जल और दूध अर्पित करें। इसके बाद पीपल के वृक्ष के नीचे तिल्ली के तेल के दीपक को प्रज्जवलित करें। शनिदेव प्रार्थना करें कि आपकी सभी समस्याएं दूर हो और बुरे समय से पीछा छुट जाए। इसके बाद पीपल की सात परिक्रमा करें।

घर लौट कर एक कटोरी में तेल लें और उसमें अपना चेहरा देखकर इस तेल का दान करें। ऐसा करने पर कुछ ही समय में आपको सकारात्मक फल प्राप्त होने लगेंगे। इसके प्रभाव से आपके घर की पैसों से जुड़ी समस्त समस्याएं दूर होने लगेंगी और आर्थिक संकट से मुक्ति मिलेगी।

पैसों की किल्लत दूर करे यह लक्ष्मी-गणेश मंत्र

पैसों की किल्लत दूर करे यह लक्ष्मी-गणेश मंत्र
ज़िंदगी और गृहस्थ धर्म के सही संतुलन के लिए जरूरी है- आजीविका। जिससे मिलने वाला अर्थ या धन सभी सुख और सुविधाओं को आसान बना देता है। यही कारण है कि हर व्यक्ति छोटा-बड़ा व्यवसाय या फिर नौकरी करता है। किंतु अनेक अवसरों पर ऐसी स्थिति बनती है कि तमाम कोशिशों के बाद भी व्यक्ति व्यापार में घाटे या मंदी के दौर से गुजरने लगता है। ऐसी हालात किसी को भी बेहद परेशान कर देती है।
शास्त्रों में ऐसी ही हालात से बचने या बाहर आने के लिए देव उपासना का महत्व बताया गया है। जिसे किसी भी व्यक्ति को थोड़ा समय देकर जरूर करना चाहिए।
हिन्दू धर्म में भगवान श्री गणेश विघ्रहर्ता और माता लक्ष्मी धन और ऐश्वर्य की देवी के रूप में पूजी जाती है। इसलिए यहां जानते हैं भगवान श्री गणेश और माता लक्ष्मी के स्मरण का एक ऐसा ही आसान मंत्र, जो व्यवसाय में हो रहे घाटे से बचाता है और पैसों की किल्लत दूर कर धनलाभ देता है -
- बुधवार या चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश की मूर्ति एक पात्र या चौकी पर विराजित कर उनके सामने घी का दीप जलाएं।
- श्री गणेश की गंध, अक्षत, दूर्वा, पुष्प से पूजा कर कम से कम 108 बार इस गणेश-महालक्ष्मी मंत्र का जप करें।
ऊँ गणेश महलक्ष्यै नम:।
या
ऊँ गं लक्ष्म्यै आगच्छ आगच्छ फट्।।
- मंत्र जप पूरे होने पर लड्डू का भोग लगाकर श्री गणेश और महालक्ष्मी से घाटे से उबारने और आर्थिक कृपा की प्रार्थना करें। ऐसा मंत्र जप और गणेश लक्ष्मी का ध्यान कुछ ही दिनों में शुभ नतीजा देगा।

कुंवारे लोगों के कमरे में ये रंग होगा तो शादी में आएंगी परेशानियां

हमें प्राप्त होने वाले सुख-दुख काफी हद तक हमारे घर के वास्तु पर भी निर्भर करते हैं। यदि जहां हम रहते हैं उस स्थान  या घर पर वास्तु दोष हों तो लाख कोशिशों के बाद भी सफलता मुश्किल से ही प्राप्त होती है।

जिससे मानसिक तनाव बढ़ता है और पारिवारिक जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इन अशुभ प्रभावों के चलते ध्यान रखना चाहिए कि घर में कोई वास्तु दोष न हो।

मनुष्य जीवन के 16 संस्कार मुख्य रूप से बताए गए हैं। इन्हीं में से एक है विवाह। विवाह के संबंध में ऐसा माना जाता है कि जोडिय़ां भगवान ही बनाते हैं और शादी का समय भी भगवान द्वारा ही तय किया जाता है।

कई युवाओं की शादी बहुत विलंब से होती हैं। इसके पीछे भी वास्तु दोष एक कारण हो सकता है। इसी वजह से विवाह योग्य लड़के और लड़कियों का कमरा वास्तु के अनुसार ही बनाया और सजाया जाना चाहिए।

कुंवारे लड़के और लड़कियों के कमरे में मुख्य रूप से काला रंग नहीं होना चाहिए। इनके कमरे में काले रंग के परदे, काले रंग के दरवाजे, काली अलमारियां, काली खिड़कियां, टेबल, बेड या पलंग आदि सभी आवश्यक वस्तुएं काले रंग की नहीं होना चाहिए। ऐसा होने पर विवाह योग्य लड़के और लड़किया की शादी में कई बाधाएं आती हैं।

विवाह प्रस्ताव नहीं आते हैं और यदि आते भी हैं तो बात पक्की नहीं हो पाती है। काला रंग नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। इससे नेगेटिव एनर्जी अधिक एक्टिव हो जाती है और बुरा प्रभाव देती है। इस वजह से विवाह योग्य युवाओं को कमरे में काले रंग से परहेज करना चाहिए।

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगलदोष है तो उसे कमरे में अधिक से अधिक लाल या गुलाबी रंग की वस्तुएं रखनी चाहिए। इससे विवाह में आ रही रुकावटें स्वत: दूर हो जाएंगी। इसके अलावा कुंडली में यदि अन्य किसी ग्रह बाधा की वजह से विवाह में विलंब हो रहा हो तो उसका उचित उपचार किया जाना चाहिए।

जन्म तारीख से जानें कब होगी आपकी सेहत खराब..!

जी हां अगर आप बीमार होने से पहले ही सावधान होना चाहते हैं या जानना चाहते है तो अपनी जन्म तारीख को जोडऩा शुरू कर दें। न्यूमरोलॉजी के अनुसार अंक बीमार होने से पहले ही बता देते हैं कि कौन सा महीना आपकी सेहत के लिए खराब रहेगा? किस महीने में आपको अपनी सेहत के लिए सावधान रहना चाहिए? जानें क्या कहती है न्यूमरोलॉजी...



मूलांक-1: जिन लोगों की जन्म तारीख 1,10,19 या 28 है।

सावधानी: अंक 1 वालों को जनवरी, अक्तूबर और दिसंबर के महीनों में अपने स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहना चाहिए।

मूलांक-2: जन्म दिनांक 2,11,20,29

सावधानी: अगर आपकी जन्म तारीख उपर बताए गए नंबरों में से है तो जनवरी, फरवरी और जुलाई के महीनों में स्वास्थ्य व खान-पान आदि में सावधानी बरतना चाहिए।

मूलांक-3: जन्म दिनांक 3,12,21,30

सावधानी: अंक तीन वालों को  फरवरी, जून, सिंतबर और दिसंबर में अपनी सेहत का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।

मूलांक-4: जन्म दिनांक 4,13,22,31

सावधानी: अपने अंक के  स्वामी अनुसार अंंक 4 वाले लोगों को जनवरी, फरवरी, जुलाई, अगस्त व सितंबर इन पांच महीनों में अपने स्वास्थ्य पर विशेष गौर करना चाहिए।

मूलांक-5:जन्म दिनांक 5,14,23

सावधानी: आपको जून, सिंतबर और दिसंबर के महीनों में अपने स्वास्थ्य के बारे में सावधानी बरतना चाहिए।

मूलांक-6:जन्म दिनांक 6,15,24

सावधानी: आपको अंक का स्वामी शुक्र है इसलिए अंक 6 वालों को मई, अक्तूबर एवं नवंबर के महीने में उन्हें सावधानी रखनी चाहिए।

मूलांक-7: जन्म दिनांक 7,16,25

सावधानी: केतु के अंक वाले होने के कारण आपको जनवरी-फरवरी और जुलाई-अगस्त के चार महीनों में अपने स्वास्थ्य के प्रति पूर्ण सावधानी रखनी चाहिए।

मूलांक-8: जन्म दिनांक 8,17,26

सावधानी: आपके अंक का स्वामी शनि होने के कारण अंक आठ वालों को जनवरी, फरवरी, जुलाई और दिसंबर के महीनों में पूर्ण रूप से सावधान रहना चाहिए।

मूलांक-9:जन्म दिनांक 9,18,27

सावधानी: उपर बताइ गई तारीखों में जन्में लोगों का अंक स्वामी मंगल होता है ऐसे लोगों को  पूरे वर्ष अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए।