Monday, November 21, 2011

समझो तब मौत आ गई जब माथे पर चंदन जल्दी ना सूखे, क्योंकि...

समझो तब मौत आ गई जब माथे पर चंदन जल्दी ना सूखे, क्योंकि...


शास्त्रों में जीवन का अंतिम और अटल सत्य मृत्यु को ही बताया गया है। किसी भी व्यक्ति के लिए मृत्यु ही अंतिम चरण है। इसके बाद व्यक्ति की आत्मा देह त्याग देती है, आजाद हो जाती है। सभी ये बात जानते है लेकिन फिर भी मौत का डर सदैव बना ही रहता है।

मृत्यु कब और कैसे होगी? यह बता पाना किसी भी इंसान के अधिकार में नहीं है। ज्योतिष के माध्यम से भी केवल संभावनाएं व्यक्त की जा सकती हैं। कई विद्वानों ने ऐसी बातें बताई गई हैं जो मृत्यु के आने सूचना दे देती हैं। इन्हीं बातों में से एक है यदि कोई व्यक्ति मरणासन में है तो उसके माथे पर यदि चंदन लगाया जाए तो वह जल्दी नहीं सूखेगा।

चंदन को बहुत ही पवित्र माना जाता है इसी वजह से सभी प्रकार के पूजन में इसका विशेष स्थान है। जब भी भगवान की आराधना की जाती है तो श्रद्धालु के मस्तक पर इसका तिलक लगाया जाता है। प्राय: चंदन का तिलक लगाने के बाद तुरंत ही सूख जाता है।

कई बार लोगों के साथ ऐसा होता है कि डॉक्टर्स द्वारा किसी व्यक्ति के लिए बोल दिया जाता है कि अब उसका जीवन कुछ ही समय का शेष है। ऐसे में कुछ विद्वानों के अनुसार जब किसी व्यक्ति का मृत्यु का समय निकट आ जाता है तो उसके माथे पर चंदन का तिलक लगाना चाहिए। यदि यह तिलक जल्दी सूख जाता है तब तो समझना चाहिए कि उस व्यक्ति का जीवन अभी शेष है। इसके विपरित यदि वह तिलक जल्दी नहीं सूखता है तो दुर्भाग्यवश विपरित परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। यानि व्यक्ति की मृत्यु की संभावनाएं प्रबल हो जाती हैं क्योंकि मृत्यु के समय व्यक्ति के माथे की गर्मी सबसे पहले समाप्त हो जाती है, मस्तक एकदम ठंडा हो जाता है। इस वजह से चंदन जल्दी नहीं सूख पाता। यदि ऐसा होता है तो संबंधित व्यक्ति के स्वास्थ्य के संबंध में पूरी सावधानी बरतनी चाहिए। डॉक्टर्स आदि की सलाह लेकर बीमार व्यक्ति का उचित ध्यान रखें। इसके पश्चात अनहोनी टल सकती है।

पैर पर पैर रखकर नहीं बैठना चाहिए क्योंकि...

पैर पर पैर रखकर नहीं बैठना चाहिए क्योंकि...
हमारे स्वभाव, हाव-भाव और व्यवहार में क्या-क्या होना चाहिए और क्या नहीं होना चाहिए? इस संबंध में शास्त्रों में कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं। इन परंपराओं का निर्वहन आज भी बड़ी संख्या में लोगों द्वारा किया जाता है।

जब भी कोई व्यक्ति घर में पैर पर पैर रखकर बैठते हैं तो अक्सर जानकार वृद्धजनों द्वारा ऐसा नहीं करने की सलाह दी जाती है। पुराने समय से ही कई ऐसी बातें चली आ रही हैं जिनका संबंध हमारे जीवन में प्राप्त होने वाले सुख और दुख से जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि पैर पर पैर रखकर बैठने से स्वास्थ्य को नुकसान होता है साथ ही इसे धर्म की दृष्टि से भी अशुभ समझा जाता है।

यदि किसी पूजन कार्य में या शाम के समय पैर पर पैर रखकर बैठते हैं तो महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त नहीं होती है। धन संबंधी कार्यों में विलंब होता है। पैसों की तंगी बढ़ती है। शास्त्रों के अनुसार शाम के समय धन की देवी महालक्ष्मी पृथ्वी भ्रमण पर रहती हैं ऐसे में यदि कोई व्यक्ति पैर पर पैर रखकर बैठा रहता है तो देवी उससे नाराज हो जाती हैं। लक्ष्मी की नाराजगी के बाद धन से जुड़ी परेशानियां झेलना पड़ती हैं। अत: बैठते समय ये बात ध्यान रखें। पैर पर पैर रखकर न बैठें।

मुट्ठीभर चावल से दूर हो जाएगी पैसों की समस्या, जानिए कैसे...

चावल को अक्षत भी कहा जाता है और अक्षत का अर्थ है अखंडित। जो टूटा हुआ न हो वही अक्षत यानि चावल माना गया है। शास्त्रों के अनुसार यह पूर्णता का प्रतीक है। इसी वजह से सभी प्रकार के पूजन कर्म में भगवान को चावल अर्पित कर
ना अनिवार्य माना गया है। इसके बिना पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है। चावल चढ़ाने से भगवान प्रसन्न होते हैं और भक्त को देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है।

धन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई सटीक उपाय बताए गए हैं। जिन्हें अपनाने से सभी प्रकार के ग्रह दोष दूर होते हैं और आय बढऩे में आ रही समस्त रुकावटें दूर हो जाती हैं। यदि किसी ग्रह दोष के कारण आपकी आय बढऩे में समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं तो संबंधित ग्रह का उपचार करें। इसके साथ ही यह उपाय अपनाएं-

प्रति सोमवार शिवलिंग का विधिवत पूजन करें। पूजन में बैठने से पूर्व अपने पास करीब आधा किलो या एक किलो चावल का ढेर लेकर बैठें। पूजा पूर्ण होने के बाद अक्षत के ढेर से एक मुठ्ठी चावल लेकर शिवजी को अर्पित करें। तत्पश्चात शेष बचे चावल को मंदिर में दान कर दें या किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दे दें। ऐसा हर सोमवार को करें। इस उपाय को अपनाने से कुछ ही समय में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होने लगेंगे। ध्यान रहे इस दौरान किसी भी प्रकार का अधार्मिक या अनैतिक कर्म न करें। अन्यथा उपाय का प्रभाव निष्फल हो जाएगा।