Monday, November 4, 2013

कन्या का विवाह कब होगा ?




विवाह की आयु - गोचर का गुरु जब लग्न,त्रितीय,पंचम,नवम या एकादश भाव में आता है,उस वर्ष विवाह होता है! विशेषकर लग्न अथवा सप्तम बाव मेंआने पर विवाह हो जाता है! तथापि संबध्द वर्ष में शनि की दृष्टि लग्न अथवा सप्तम भाव पर नहीं होनी चाहिए ! विवाह का वर्ष निकालने की एक अन्य विधि इस प्रकार है -
सप्तम में जिस क्रम की राशि स्थित हो ,उस राशि के अंक में १० जोड़ें ! अब देखें कि सप्तम में कितनें पाप ग्रहों की दृष्टि है! ऍसे प्रत्येक ग्रह के लिए चार अंक जोड़े ! उदाहरण के लिए मान लेते हैं कि सप्तम भाव में सिंह राशि स्थित है,तो इस राशि के ५ अंक में १० जोड़े! अब यदि सप्तम भाब पर तीन पाप ग्रहों कि दृष्टि पड़ रही है तो ५+१०+१२=२७वर्ष की आयु में विवाह होने की सम्भावना है! 
 विवाह का वर्ष निकालने की एक अन्य विधि इस प्रकार है - सप्तम में जिस क्रम की राशि स्थित हो ,उस राशि के अंक में १० जोड़ें ! अब देखें कि सप्तम में कितनें पाप ग्रहों की दृष्टि है! ऍसे प्रत्येक ग्रह के लिए चार अंक जोड़े ! उदाहरण के लिए मान लेते हैं कि सप्तम भाव में सिंह राशि स्थित है,तो इस राशि के ५ अंक में १० जोड़े! अब यदि सप्तम भाब पर तीन पाप ग्रहों कि दृष्टि पड़ रही है तो ५+१०+१२=२७वर्ष की आयु में विवाह होने की सम्भावना है!
 पति कैसा मिलेगा----अगर कोई शुभ ग्रह (चन्द्र,गुरु,शुक्रसप्तम भाव में स्थित हो,या इन भावो का स्वामी हो,या इन भावो को देख रहा हो ,तो समझें कि लगभग सम आयु का पति प्राप्त होगा,परन्तु यदि कोई पापी ग्रह (सुर्य,मंगल,शनि,राहु,केतुसप्तम को अपनी स्थिति,दृष्टि या भावेश होने के नाते प्रभावित कर रहा है,तो मानेके अपनी से बड़ी आयु का पति प्राप्त होगा! पति की नौकरी,
उसके भाई-बहन एवं आयु---नवम भाव में स्थित ग्रह तथा उस पर द्र्ष्ति डालने वाले ग्रहो के आधार पर पति के भाई बहनों क़ि संख्या को जाना जाता है,पुरुष और स्त्री ग्रह क्रमशः भाई बहनो को संकेत करता है!चतुर्थ भाव या चतुर्थेश बलयुक्त हो,तो पति की अजीविका के बारे में समझ सकते हैं!द्वतीयेश शुभ स्थान में हो अथवा अच्छी स्थिति में हो कर द्वतीय भाव को दृष्ट करता हो,तो पति दीर्घायु होता है!

अब हर दिन किस्मत देगी आपका साथ अगर...


ज्योतिष में सप्ताह के सात दिनों की प्रकृति और स्वभाव बताए गए हैं। इन सात दिनों पर ग्रहों का अपना प्रभाव होता है। अगर आप इन दिनों की प्रकृति और स्वभाव के अनुसार कार्यों को करें तो जरूर आपकी किस्मत साथ देगी। निश्चित ही हर काम में सफलता मिलेगी। अगर आपके सोचे हुए काम पूरे नही होते या उनका कोई परिणाम नही मिलता तो आप उन कार्यों को पुराणों, मुहूर्त ग्रंथों और फलति ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार बताए गए वार को करें। आप जरूर सफल होंगे।

जानिए किस दिन क्या करें..

रविवार- यह सूर्य देव का वार माना गया है। इस दिन नवीन गृह प्रवेश और सरकारी कार्य करना चाहिए। सोने के आभूषण और तांबे की वस्तुओं का क्रय विक्रय करना चाहिए या इन धातुओं के आभूषण पहनना चाहिए।

सोमवार- सरकारी नौकरी वालों के लिए पद ग्रहण करने के लिए यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है। गृह शुभारम्भ, कृषि, लेखन कार्य और दूध, घी व तरल पदार्थों का क्रय विक्रय करना इस दिन फायदेमंद हो सकता है।

मंगलवार- मंगल देव के इस दिन विवाद एवं मुकद्दमे से संबंधित कार्य करने चाहिए। शस्त्र अभ्यास, शौर्य और पराक्रम के कार्य इस दिन करने से उस कार्य में सफलता मिलती है। मेडिकल से संबंधित कार्य और आपरेशन इस दिन करने से सफलता मिलती है। बिजली और अग्नि से संबधित कार्य इस दिन करें तो जरूर लाभ मिलेगा। सभी प्रकार की धातुओं का क्रय विक्रय करना चाहिए।

बुधवार- इस दिन यात्रा करना, मध्यस्थता करना, दलाली, योजना बनाना आदि काम करने चाहिए। लेखन, शेयर मार्केट का काम, व्यापारिक लेखा-जोखा आदि का कार्य करना चाहिए।

गुरुवार
- बृहस्पति देव के इस दिन यात्रा, धार्मिक कार्य, विद्याध्ययन और बैंक से संबंधित कार्र्य करना चाहिए। इस दिन वस्त्र आभूषण खरीदना, धारण करना और प्रशासनिक कार्य करना शुभ माना गया है।

शुक्रवार- शुक्रवार के दिन गृह प्रवेश, कलात्मक कार्य, कन्या दान, करने का महत्व है। शुक्र देव भौतिक सुखों के स्वामी है। इसलिए इस दिन सुख भोगने के साधनों का उपयोग करें। सौंदर्य प्रसाधन, सुगन्धित पदार्थ, वस्त्र, आभूषण, वाहन आदि खरीदना लाभ दायक होता है।

शनिवार- मकान बनाना, टेक्रीकल काम, गृह प्रवेश, ऑपरेशन आदि काम करने चाहिए। प्लास्टिक , लकड़ी , सीमेंट, तेल, पेट्रोल खरीदना और वाद-विवाद के लिए जाना इस दिन सफलता देने वाला होता है।

क्या आपको नौकरी की तलाश है? यह उपाय करें



आज के समय में बेरोजगारी एक बहुत बड़ी समस्या है। चाहते तो सभी है कि उन्हें मनचाही नौकरी मिले लेकिन ऐसा होना संभव नहीं हो पाता। कई लोग नौकरी की तलाश में भटकते ही रहते हैं लेकिन फिर भी उनका यह सपना अधूरा ही रह जाता है। यदि आपके साथ भी यही समस्या है और योग्य होने पर भी यदि आपको नौकरी नहीं मिल रही है तो नीचे लिखे टोटके से आपकी समस्या का समाधान हो जाएगा।

उपाय

- दीपावली/धनतेरस/नवरात्रि/ अक्षय तृतीय या अन्य किसी शुभ मुहूर्त के दिन सुबह जल्दी उठकर यह प्रयोग करें। सुबह स्नान आदि से कार्यों से निवृत्त होकर पूर्व दिशा में मुख करके कुश के आसन पर बैठें। कुश का आसन न हो तो ऊन का आसन भी उपयोग में ले सकते हैं।

- अपने सामने बाजोट (पटिए) पर सफेद वस्त्र बिछाएं और उस पर चावल की ढेरी बनाकर गायत्री यंत्र स्थापित करें। अब सात गोमती चक्र हल्दी से रंग कर स्थापित करें। फिर धूप-दीप कर रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का 11 माला जप करें। जप समाप्त होने पर मावे का प्रसाद बच्चों में बांटें।

मंत्र

ऊँ वर वरदाय सर्व कार्य सिद्धि करि-करि ऊँ नम:


- इस पूजन सामग्री को सफेद वस्त्र में लपेटकर किसी कुएं अथवा तालाब में विसर्जित कर दें एवं बिना पीछे देखे लौट आएं। घर आकर पुन: स्नान करें। आप देखेंगे कि एक ही महीने के अंदर आपकी नौकरी मनचाहे स्थान पर लग जाएगी।

बिगड़े काम बनाता है यह गणेश मंत्र

बिगड़े काम बनाता है यह गणेश मंत्र

हिंदू धर्म में अनेक देवी-देवताओं की पूजा करने का विधान है लेकिन जब भी कोई शुभ कार्य किया जाता है तो सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इनकी पूजा करने से सभी बाधाएं समाप्त हो जाती है और शुभ कार्य ठीक से हो जाता है। यदि आपका भी कोई कार्य ठीक से नहीं हो रहा है तो नीचे लिखे मंत्र का जप करें। आपके सभी बिगड़े काम बन जाएंगे।
Lord Ganesh
मंत्र

ऊँ गणेश एकदंत च हेरम्वं विघ्ननामकम्।।

लम्बोदरं शूपकर्णं गजवक्त्रं गुहाग्रजम्।।


जप विधि

- सुबह जल्दी उठकर सर्वप्रथम स्नान आदि नित्य कर्म से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनें।

- इसके बाद अपने माता-पिता, गुरु, इष्ट व कुल देवता को नमन कर कुश का आसन ग्रहण करें।

- भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा का पूजन कर इस मंत्र का जप करेंगे तो विशेष फल मिलता है।

- जप के लिए हरे पन्नेकी माला का प्रयोग करें

महाबली हनुमान के 5 छोटे मंत्र करें बड़ी से बड़ी मुश्किलों का अंत


महाबली हनुमान के 5 छोटे मंत्र करें बड़ी से बड़ी मुश्किलों का अंत

रुद्रावतार श्री हनुमान को महाबली भी पुकारा जाता है। उनका यह नाम मात्र उनके वज्र के समान बलवान शरीर या अनेक शक्तियों के स्वामी होने के कारण ही नहीं बल्कि युग-युगान्तर से जारी हनुमान भक्ति और उनके प्रति आस्था का वह प्रभाव भी है, जो भक्तों को तन, मन और धन से सबल बनाती आ रही है।

श्री हनुमान भक्ति में विश्वास और आस्था को बल देने वाले ही ऐसे 5 मंत्र यहां बताए जा रहे हैं। चूंकि मानव जीवन भी उतार-चढ़ाव से भरा है, जिसमें दु:ख और सुख आते जाते हैं। इसलिए हर इंसान सुखों की चाहत और दु:खों से बचने के लिए देव उपासना करता है। ऐसे संकट, मुसीबतों और दु:खों से बचने के लिए ही श्री हनुमान के ये मंत्र अचूक माने गए हैं।

शनिवार के दिन श्री हनुमान की उपासना में इन मंत्रों का जप और भी असरदार होता है। क्योंकि शास्त्रों में हनुमान भक्ति ग्रहदोष शांति खासतौर पर शनि दशा के बुरे प्रभाव से बचने के लिए बहुत ही शुभ मानी गई है। इसलिए जानें महाबली हनुमान के इन मंत्रों और श्री हनुमान पूजा की सरल विधि -

- शनिवार के दिन सुबह स्नान करें। इस दिन शरीर, बोल और आचरण की पवित्रता का खास ध्यान रखें।

- देवालय या हनुमान मंदिर में श्री हनुमान की प्रतिमा पर चमेली का तेल और सिंदूर चढ़ाकर गंध, अक्षत, लाल फूल, श्रीफल यानी नारियल अर्पित करें।

- गुग्गल धूप लगाकर लाल आसन पर बैठकर इन हनुमान मंत्रो का जप करें-

- ॐ बलसिद्धिकराय नम:

- ॐ वज्रकायाय नम:

- ॐ महावीराय नम:

- ॐ रक्षोविध्वंसकाराय नम:

- ॐ सर्वरोगहराय नम:


- मंत्र जप के बाद यथासंभव श्री हनुमान चालीसा पाठ का पाठ करें। श्री हनुमान की दीप आरती करें।

- पूजा, मंत्र जप और आरती के दौरान हुए जाने-अनजाने दोषों के लिए क्षमा प्रार्थना कर सारी परेशानियों और चिंतामुक्ति के लिए कामना करें।

धार्मिक मान्यता है कि श्री हनुमान के इन पांच मंत्रों के असर से रोग, शोक, दोष का अंत हो जाता है।

प्रेमी-प्रेमिका वशीकरण मंत्र




'कामाख्‍या देश कामाख्‍या देवी,
जहॉं बसे इस्‍माइल जोगी,
इस्‍माइल जोगी ने लगाई फुलवारी,
फूल तोडे लोना चमारी,
जो इस फूल को सूँघे बास,
तिस का मन रहे हमारे पास,
महल छोडे, घर छोडे, आँगन छोडे,
लोक कुटुम्‍ब की लाज छोडे,
दुआई लोना चमारी की,
धनवन्‍तरि की दुहाई फिरै।'

''किसी भी शनिवार से शुरू करके 31 दिनों तक नित्‍य 1144 बार मंत्र का जाप करें तथा लोबान, दीप और शराब रखें, फिर किसी फूल को 50 बार अभिमंत्रित करके स्‍त्री को दे दें। वह उस फूल को सूँघते ही वश में हो जाएगी।''