Sunday, October 23, 2011

अगर आपको दिखने लगे ये तो समझें आ गया "गोल्डन पीरियड"


अगर आपकी किस्मत बदलने वाली है और पैसों का छप्पर फटने वाला है तो उससे पहले आपको कुछ इशारे मिलेंगे जिनसे आप पहले ही समझ जाएंगे कि आपका गोल्डन पिरियड आने वाला है जानिए वो कैसे इशारे हैं।

- अगर आप सपने में में इन्द्र धनुष देखते हैं तो समझें आपके जीवन का बहुत सुखमय और खुशियों भरा समय शुरु होने वाला है।

- अगर सपने में कलश, शंख और सोने के गहने दिखे तो आपको जीवन में हर सुख मिलने वाला है।

- ये भी एक इशारा है अच्छे समय का, अगर सपने में खुद को चाय या चाय की चुस्की लेते देखें तो समझें आपके जीवन में हर्ष उल्लास और समृद्धि आने वाली है।

- जब कोई अपनी खोई हुई वस्तु प्राप्त करता है तो उसे आगामी जीवन में सुख मिलता है।

- अगर कोई व्यक्ति सपने में तिल, चावल सरसों, जौ, अन्न, का ढेर देखता है तो उस व्यक्ति को जीवन में सभी सुख मिलते हैं।

जानिए, शनि अस्त होने से आपकी राशि के लिए कैसी रहेगी दीपावली?

इस बार दीपावली चित्रा नक्षत्र जिसका स्वामी मंगल है, में आ रही हैं। दीपावली बुधवार को आएगी। शनि 30 अक्टूबर तक अस्त है। यानि अस्त शनि की दशा में ही दीपावली का पूजन होगा। इस दौरान मेष राशि में स्थित गुरु भी वक्री होगा। शुक्र स्वयं की स्वामित्व की राशि तुला मे स्थित होगा। उसके साथ सूर्य नीच का एवं बुध एवं चंद्रमा भी होगा। चंद्र, बुध शत्रु है सूर्य शुक्र सम हैं तथा सूर्य नीच का होगा। मंगल भी नीच का होगा एवं मंगल की ही महादशा होगी। तुला राशि में चार ग्रहों की युति होगी। इसी दिन अमावस्या का योग भी होगा।

इतने सारे योग इस दीपावली को बहुत खास बना रहे हैं। यह स्थिति व्यापार के लिए ठीक नहीं होगी। निवेश कहां, कैसे करें, यह समझ नहीं आएगा। कीमती धातुओं के भाव लगातार ऊपर नीचे होते रहेंगे। मंहगाई का ग्राफ बढ़ेगा। कई देशों की आर्थिक हालत कमजोर होगी। बीमारी एवं रोगों के फैलने का भय होगा। शत्रु राशि गत अष्टम राहु भी उत्पात मचाकर आतंक में कई लोगों के हताहत होने का संकेत दे रहा है। प्राकृतिक प्रकोप संक्रामक रोग के रूप में हो सकता हैं। जनता में उत्साह की कमी रहेगी। स्थापित सरकार से जनता नाखुश ही रहेगी।

पं. शर्मा के अनुसार नीच का मंगल, मंगल की महादशा एवं मंगल के स्वामित्व वाले नक्षत्र होने के कारण जमीन में कंपन हो सकता है। यह दिन शनिवार होने से जो मंगल का परम शत्रु है अत: यह स्थिति शुभ नहीं कही जा सकती। हालांकि शनि के अस्त होने के कारण प्रभाव कुछ कम हो सकता है फिर भी सावधान रहने की आवश्यकता हैं।

दीपावली पर किस राशि पर कैसा प्रभाव रहेगा?

मेष-व्यापार में लाभ होगा।

वृषभ-चर्म रोग हो सकता हैं।

मिथुन-भाइयों से सहयोग एवं श्रेष्ठ पराक्रम।

कर्क-जमीन से लाभ होगा वर्चस्व बढ़ेगा।

सिंह-नौकरी मे लाभ प्रमोशन।

कन्या-व्यापार मे हानि चोट का भय।

तुला-अत्यधिक लाभ शारिरीक कष्ट।

वृश्चिक-वाहन से हानि, धन का नुकसान।

धनु-भाग्य का साथ, पदौन्नति।

मकर-कार्य की अधिकता, लाभ।

कुंभ-प्रमोशन एवं लाभ।

मीन-व्यय की अधिकता, रोग।

धनतेरस-सोम प्रदोष का अति दुर्लभ योग, मालामाल बना देगी इस मंत्र से शिव पूजा

धनतेरस-सोम प्रदोष का अति दुर्लभ योग, मालामाल बना देगी इस मंत्र से शिव पूजा
जीवन में सुख, शांति और सौंदर्य की कामना है तो मन, वचन व कर्म में सत्य की मौजूदगी भी जरूरी है। शिव हो या शंकर हर स्वरूप व शब्द में भी शमन यानी सुख व शांति का भाव ही छुपा है। पौराणिक मान्यता है कि भगवान शंकर ने समुद्र मंथन से निकले घातक विष को पीकर जगत के दु:खों का शमन किया और इसी मंथन से ऐश्वर्य की देवी लक्ष्मी प्रकट हुई।

क ल सोमवार के साथ प्रदोष तिथि शिव भक्ति की घड़ी है। जिसके साथ ही धनतेरस का मंगलकारी योग है। जहां सोम प्रदोष पर शिव पूजा हर मनोथरसिद्धि कर सुख-संपन्नता पाने की मंगलकारी घड़ी मानी जाती है। वहीं धनतेरस देवी लक्ष्मी उपासना के पांच दिवसीय महापर्व का पहला दिन।

शास्त्रों में सोम प्रदोष व धनतेरस की शुभ तिथि पर भौतिक सुख खासतौर पर धन की कामना पूरी करने के लिए शिव पूजा के कुछ आसान उपाय बताए गए हैं। इनमें मंत्र विशेष से शिव का ध्यान व अनाज का चढ़ावा लक्ष्मी की अपार कृपा करने वाला माना गया है।

धनतेरस पर लक्ष्मी पूजा के साथ ही प्रदोष काल यानी, दिन-रात की मिलन की घड़ी या शाम के वक्त शिव पूजा के यहां बताए इस उपाय को अपनाकर समृद्ध और खुशहाल जीवन की कामना पूर्ति करें -

- शाम के वक्त लक्ष्मी पूजा के साथ ही शिवलिंग या मूर्ति को जल या पंचामृत स्नान कराकर सफेद चंदन, सफेद फूल, बिल्वपत्र, सफेद वस्त्र व मिठाई चढ़ाकर नीचे लिखे मंत्र से शिव का स्मरण करें -

कैलासशिखरस्थं च पार्वतीपतिमुत्तमम् ।

यथोक्तरुपिणं शम्भुं निर्गुणं गुणरुपिणम् ।

पंचवक्त्रं दशभुजं त्रिनेत्रं वृषभध्वजम् ।

कर्पूरगौरं दिव्यांगगं चन्द्रमौलिं कपर्दिनम् ।

व्याघ्रचर्मोत्तरीयं च गजचर्माम्बरं शुभम् ।

वासुक्यादिपरीतांगं पिनाकाद्यायुधान्वितम् ।

सिद्धयोऽष्टौ च यस्याग्रे नृत्यन्तीह निरन्तरम् ।

जयजयेति शब्दैश्च सेवितं भक्तपुंजकैः ।

तेजसा दुस्सहेनैव दुर्लक्ष्यं देवसेवितम् ।

शरण्यं सर्वसत्त्वानां प्रसन्नमुखपंकजम् ।

वेदैः शास्त्रैर्यथागीतं विष्णुब्रह्मनुतं सदा ।

भक्तवत्सलमानन्दं शिवमावाहयाम्यहम् |

- इसके बाद महादेव या शिवलिंग के ऊपर अक्षत यानी, चावल जो टूटे न हो लक्ष्मी कृपा की कामना से चढ़ाएं। यह उपाय धन कामना सिद्धि के लिए बहुत शुभ माना गया है।

- अंत में शिव की धूप, दीप व कर्पूर आरती कर दरिद्रता से मुक्त जीवन की कामना करें।

Friday, October 21, 2011

दीपावली पर धनलक्ष्मी कर देगी मालामाल अगर घर के बाहर हो ये निशान

आपको यकिन नहीं होगा कि र्सिफ एक पवित्र निशान घर के बाहर लगा कर आप इस दीपावली पर मालामाल बन सकते हैं। जानिए क्यों और कैसे

दीपावली रौशनी और खुशहाली का पर्व है। इस दिन श्री गणेश जी एवं लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन गणेश एवं लक्ष्मी जी उस घर मे रहने के लिये आते हैं जिस घर मे उनका पूजा सत्कार किया जाता है। गणेश पूजा के बिना कोई भी पूजन अधूरा होता है इसलिए लक्ष्मी के साथ गणेश पूजन भी किया जाता है। घर को साफ-सुथरा कर रंगोली और स्वस्तिक बनाने की भी परंपरा है। दरअसल स्वस्तिक को गणेशजी का प्रतीक माना जाता है।

सभी मांगलिक चिन्हों में से स्वस्तिक सबसे कल्याणकारी चिन्ह है। इस चिन्ह को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। शुभ कार्यो में आम की पत्तियों को  घर के दरवाजे पर बांधा जाता है।  क्योंकि आम की पत्ती, इसकी लकड़ी और फल को ज्योतिष की दृष्टी से भी बहुत शुभ माना जाता है। मंगल प्रसंगों के अवसर पर पूजा स्थान तथा दरवाजे की चौखट और प्रमुख दरवाजे के आसपास स्वस्तिक चिन्ह बनाने की परंपरा है। वे स्वस्तिक कतई परिणाम नहीं देते, जिनका संबंध प्लास्टिक, लोहा या स्टील से हो।

सोना, चांदी, तांबा, पंचधातु या आम की लकड़ी से बने स्वस्तिक प्राण प्रतिष्ठित करवाकर चौखट पर लगवाने से सुखद परिणाम देते हैं, जबकि रोली-हल्दी-सिंदूर से बनाए गए स्वस्तिक संतुष्टि ही देते हैं। अगर आप मालामाल बनना चाहते हैं और पारिवारिक प्रगति चाहते हैं तो ऐसे स्वस्तिक यंत्र गुरु-पुष्य तथा दीपावली के अवसर पर लक्ष्मी श्रीयंत्र के साथ लगाना लाभदायक है।