Sunday, October 23, 2011

जानिए, शनि अस्त होने से आपकी राशि के लिए कैसी रहेगी दीपावली?

इस बार दीपावली चित्रा नक्षत्र जिसका स्वामी मंगल है, में आ रही हैं। दीपावली बुधवार को आएगी। शनि 30 अक्टूबर तक अस्त है। यानि अस्त शनि की दशा में ही दीपावली का पूजन होगा। इस दौरान मेष राशि में स्थित गुरु भी वक्री होगा। शुक्र स्वयं की स्वामित्व की राशि तुला मे स्थित होगा। उसके साथ सूर्य नीच का एवं बुध एवं चंद्रमा भी होगा। चंद्र, बुध शत्रु है सूर्य शुक्र सम हैं तथा सूर्य नीच का होगा। मंगल भी नीच का होगा एवं मंगल की ही महादशा होगी। तुला राशि में चार ग्रहों की युति होगी। इसी दिन अमावस्या का योग भी होगा।

इतने सारे योग इस दीपावली को बहुत खास बना रहे हैं। यह स्थिति व्यापार के लिए ठीक नहीं होगी। निवेश कहां, कैसे करें, यह समझ नहीं आएगा। कीमती धातुओं के भाव लगातार ऊपर नीचे होते रहेंगे। मंहगाई का ग्राफ बढ़ेगा। कई देशों की आर्थिक हालत कमजोर होगी। बीमारी एवं रोगों के फैलने का भय होगा। शत्रु राशि गत अष्टम राहु भी उत्पात मचाकर आतंक में कई लोगों के हताहत होने का संकेत दे रहा है। प्राकृतिक प्रकोप संक्रामक रोग के रूप में हो सकता हैं। जनता में उत्साह की कमी रहेगी। स्थापित सरकार से जनता नाखुश ही रहेगी।

पं. शर्मा के अनुसार नीच का मंगल, मंगल की महादशा एवं मंगल के स्वामित्व वाले नक्षत्र होने के कारण जमीन में कंपन हो सकता है। यह दिन शनिवार होने से जो मंगल का परम शत्रु है अत: यह स्थिति शुभ नहीं कही जा सकती। हालांकि शनि के अस्त होने के कारण प्रभाव कुछ कम हो सकता है फिर भी सावधान रहने की आवश्यकता हैं।

दीपावली पर किस राशि पर कैसा प्रभाव रहेगा?

मेष-व्यापार में लाभ होगा।

वृषभ-चर्म रोग हो सकता हैं।

मिथुन-भाइयों से सहयोग एवं श्रेष्ठ पराक्रम।

कर्क-जमीन से लाभ होगा वर्चस्व बढ़ेगा।

सिंह-नौकरी मे लाभ प्रमोशन।

कन्या-व्यापार मे हानि चोट का भय।

तुला-अत्यधिक लाभ शारिरीक कष्ट।

वृश्चिक-वाहन से हानि, धन का नुकसान।

धनु-भाग्य का साथ, पदौन्नति।

मकर-कार्य की अधिकता, लाभ।

कुंभ-प्रमोशन एवं लाभ।

मीन-व्यय की अधिकता, रोग।

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