Wednesday, July 6, 2011

इस मंत्र से जानें कब आएगी मौत!!


हिंदू धर्म में मंत्रों की अद्भुत महिमा बताई गई है। निश्चित क्रम में संगृहीत विशेष वर्ण जिनका विशेष प्रकार से उच्चारण करने पर एक निश्चित अर्थ निकलता है, मंत्र कहलाते हैं। मंत्र जप से उत्पन्न शब्द शक्ति संकल्प बल तथा श्रद्धा बल से और अधिक शक्तिशाली होकर अंतरिक्ष में व्याप्त ईश्वरीय चेतना के संपर्क में आती है जिसके फलस्वरूप मंत्र का चमत्कारिक प्रभाव साधक को सिद्धियों के रूप में मिलता है। मंत्र शास्त्र में कुछ ऐसे मंत्रों का भी वर्णन है जिनका जप करने से व्यक्ति यह जान सकता है कि उसके जीवन के कितने दिन शेष हैं।

मंत्र

ऊँ ऋतं सत्यं परब्रह्म पुरुषं कृष्णपिंगलम्।

उध्र्वलिंगं विरूपाक्षं विश्वरूपाय नमो नम:।।

जप विधि

इस मंत्र की 108 माला सूर्य या चंद्र ग्रहण के दौरान करें। इसके बाद तीन दिन तक सोत समय तीन माला जप करें। जब इस मंत्र का ऋतं शब्द मुख से न निकले तो समझें छ: मास की आयु शेष है। जब सत्यं न निकले तो पांच मास, परब्रह्म न निकले तो चार मास, पुरुषं न निकले तो तीन मास, कृष्णपिंगलम् न निकले तो दो मास व उध्र्वलिंगं न निकल तो जातक की एक मास की आयु शेष रह जाती है।

इसके बाद विरूपाक्षम् शब्द न निकले तो पंद्रह दिन, विश्वरूपाय न निकले तो तीन दिन और नमोनम: शब्द का मुख से निकलना बंद हो जाए तो प्राणी की एक दिन के भीतर ही मृत्यु हो जाती है।

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