वास्तु दोष को दूर करने के लिए किसी विशेष उपाय की आवश्यकता नहीं है ...
यदि हम अगर अपनी दैनिक दिनचर्या में इन उपायों को शामिल कर लें, तो बहुत सी समस्यायों को
इन छोटी-छोटी मगर अत्यधिक प्रभावशाली उपायों से दूर कर सकतें हैं ......
1- सूर्यास्त व सूर्योदय होने से पहले मुख्य प्रवेश द्वार की साफ-सफाई हो जानी चाहिए।
2- सायंकाल होते ही यहां पर उचित रोशनी का प्रबंध होना भी जरूरी हैं।
3- दरवाजा खोलते व बंद करते समय किसी प्रकार की आवाज नहीं आना चाहिए,
4- बरामदे और बालकनी के ठीक सामने भी प्रवेश द्वार का होना अशुभ होता हैं.
5- प्रवेश द्वार पर गणेश व गज लक्ष्मी के चित्र लगाने से सौभाग्य व सुख में निरंतर वृद्धि होती है,
6- पूरब व उत्तर दिशा में अधिक स्थान छोड़ना चाहिए
7- मांगलिक कार्यो व शुभ अवसरों पर प्रवेश द्वार को आम के पत्ते व हल्दी तथा चंदन जैसे शुभ व
कल्याणकारी वनस्पतियों से सजाना शुभ होता है.
8- प्रवेश द्वार को सदैव स्वच्छ रखना चाहिए,
9- किसी प्रकार का कूड़ा या बेकार सामान प्रवेश द्वार के सामने कभी न रखे,
10- प्रातः व सायंकाल कुछ समय के लिए दरवाजा खुला रखना चाहिए.
11- सांय काल घर की दहलीज़ पर दीपक अवश्य जलाएं इससे घर का पित्र दोष भी समाप्त होता है
एवं नकारात्मक शक्तियों का घर में प्रवेश नहीं हो पाता .
12- बैठक के कमरे में द्वार के सामने की दीवार पर दो सूरजमुखी के या ट्यूलिप के फूलों का चित्र
लगाएं.
13- घर के बाहर के बगीचे में दक्षिण-पश्चिम के कोने को सदैव रोशन रखें.
14- घर के अंदर दरवाजे के सामने कचरे का डिब्बा न रखें.
15- घर के किसी भी कोने में अथवा मध्य में जूते-चप्पल (मृत चर्म) न रखेंजूतों के रखने का स्थान
घर के प्रमुख व्यक्ति के कद का एक चौथाई हो, उदाहरण के तौर पर 6 फुट के व्यक्ति (घर का प्रमुख) के
घर में जूते-चप्पल रखने का स्थल डेढ़ फुट से ऊंचा न हो....
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