Friday, June 7, 2013

2014 तक जन्म लेने वाले बच्चे होंगे भाग्यशाली, लेकिन?

saturn sas yoga effect in birth chart इन दिनों शनि अपनी उच्च राशि तुला में वक्री होकर चल रहे हैं। इस राशि में शनि 2 नवंबर 2014 तक रहेगें। जिन बच्चों का जन्म इस अवधि में होगा उनकी कुण्डली में शश नामक शुभ योग होगा। इस योग को ज्योतिषशास्त्र में राजयोग की श्रेणी में रखा गया है।

माना जाता है कि जिनकी कुण्डली में यह योग होता है वह उच्च पद प्राप्त करते हैं। सम्मान और धन दोनों इनके पास होता है। ज्योतिषशास्त्री के अनुसार जिनका जन्म मेष, कर्क, तुला अथवा मकर लग्न में होता है उनकी कुण्डली में यह उच्च कोटि का राजयोग बनता है।

लेकिन वैवाहिक जीवन की दृष्टि से कर्क लग्न वालों की कुण्डली में शश योग प्रतिकूल फल देता है। भगवान राम की जन्मकुण्डली इस लिहाज से उल्लेखनीय है। चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को दोपहर में भगवान राम का जन्म कर्क लग्न में हुआ।

वाल्मीकि रामायण के अनुसार राम के जन्म के समय सूर्य, मंगल, शनि, गुरु और शुक्र ग्रह अपनी-अपनी उच्च राशि में थे। चंद्रमा अपनी ही राशि कर्क में था जिसके साथ बृहस्पति भी मौजूद थे। कर्क राशि में बृहस्पति सबसे अधिक मजबूत स्थिति में होते हैं। बुध अपने मित्र शुक्र की वृष राशि में था।

बृहस्पति के उच्च राशि में होने कारण इनकी कुण्डली में हंस योग, शनि के तुला राशि में होने से शश योग, मंगल उच्च राशि में होने से रूचक योग बन रहा था। लेकिन शनि का शुभ योग इनके वैवाहिक जीवन के लिए अशुभ योग बन गया।

पहले रावण द्वारा द्वारा सीता का हरण कर लिये जाने के कारण राम को सीता का वियोग सहना पड़ा। बाद में सीता की पवित्रता पर उंगली उठाये जाने के कारण राम ने सीता को वन भेज दिया और विरह की आग में जलन पड़ा। इसलिए जिनकी जन्म कर्क लग्न में होगा उन्हें वैवाहिक जीवन से संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

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