Monday, May 20, 2013

'गुरू' का आशीर्वाद पाने के लिए आजमाएं ये उपाय

jupiter transit in gemini remedy नवग्रहों में धर्म, धन, मांगलिक कार्य का कारक ग्रह गुरू इस महीने के अंत में वृष राशि से निकलकर बुध की राशि मिथुन में पहुंचेगा। गुरू इस राशि में 19 जून 2014 तक रहेगा। इसलिए इसका असर भी लंबे समय तक रहेगा।

गुरू का यह गोचर वृषसिंह, तुलाधनु एवं कुंभ राशि वालों के लिए शुभ है जबकि मेषमिथुनकर्ककन्यावृश्चिक,मकर एवं मीन राशि वालों के लिए अनुकूल नहीं है। 

जिनकी कुण्डली में गुरू शुभ स्थिति में नहीं है उनके लिए गुरू का शुभ गोचर भी पूर्ण शुभ फल नहीं देता है इसलिए गुरू के शुभ फलों में वृद्धि तथा अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए लाल किताब के कुछ आसान उपाय आजमा सकते हैं। 

  • भोजन में केसर का प्रयोग करें। दूध में केसर मिलाकर पीने से भी लाभ मिलेगा। इससे सौन्दर्य भी निखरता है। स्नान के बाद नाभि एवं माथे पर केसर का तिलक लगाएं। अगर केसर उपलब्ध नहीं हो तो हल्दी का तिलक कर सकते हैं।
  • गुरूवार के दिन स्नान करने के जल में नागर मोथा नामक वनस्पति डालकर स्नान करें। नागर मोथा नहीं होने पर केसर डालकर भी स्नान किया जा सकता है।
  • गुरूवार के दिन केले के पौधे घर में अथवा भगवान विष्णु के मंदिर में लगाएं। इसदिन केले के पौधे की पूजा भी करें। केला नहीं खाएं।
  • जिस पलंग पर आप सोते हैं उसके चारों कोनों में सोने की कील अथवा सोने का तार लगवाएं।
  • गुरूवार के दिन पीपल की जड़ को जल सींचे एवं चना दाल, गुड़ एवं बूंदी का लड्डू चढ़ाएं। साधु एवं ब्राह्मण का आदर करें। इन्हें चना दान, पीला कपड़ा, हल्दी, केसर अथवा धार्मिक पुस्तक दान दें।
  • मंत्र जप से भी गुरू को शुभ फलदायी बनाया जा सकता है। प्रतिदिन ओम बृं बृहस्पतये नम: मंत्र का अथवा ओम, ग्रां ग्रीं, ग्रौं स: गुरवे नम: मंत्र का 108 बार जप करें। गुरू के गोचर की अवधि में विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी लाभप्रद रहता है।

No comments: