किराए के मकान में गृहस्वामी की स्वीकृति
के बिना परिवर्तन नहीं किया जा सकता। अक्सर देखने में आता है कि वास्तु
नियमों के अनुकूल बने भवन में किराएदार सुखी और संपन्न रहते हैं। कुछ बातों
का ध्यान रख किराए के भवन में रहते हुए भी
वास्तु के नियमों का पालन किया
जा सकता है जैसे-
1- भवन का उत्तर-पूर्व का भाग अधिक खाली रखें।
2- दक्षिण-पश्चिम दिशा के भाग में अधिक भार या सामान रखें।
3- पानी की सप्लाई उत्तर-पूर्व से लें।
4- शयनकक्ष में पलंग का सिरहाना दक्षिण दिशा में रखें और सोते समय सिर दक्षिण दिशा में व पैर उत्तर दिशा में रखें।
5- यदि ऐसा न हो तो पश्चिम दिशा में सिरहाना व सिर कर सकते हैं।
6- भोजन दक्षिण-पूर्व की ओर मुख करके ग्रहण करें।
7- पूजा स्थल उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करें यदि अन्य दिशा में हो तो पानी ग्रहण करते समय मुख ईशान (उत्तर-पूर्व) कोण की ओर रखें।
1- भवन का उत्तर-पूर्व का भाग अधिक खाली रखें।
2- दक्षिण-पश्चिम दिशा के भाग में अधिक भार या सामान रखें।
3- पानी की सप्लाई उत्तर-पूर्व से लें।
4- शयनकक्ष में पलंग का सिरहाना दक्षिण दिशा में रखें और सोते समय सिर दक्षिण दिशा में व पैर उत्तर दिशा में रखें।
5- यदि ऐसा न हो तो पश्चिम दिशा में सिरहाना व सिर कर सकते हैं।
6- भोजन दक्षिण-पूर्व की ओर मुख करके ग्रहण करें।
7- पूजा स्थल उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करें यदि अन्य दिशा में हो तो पानी ग्रहण करते समय मुख ईशान (उत्तर-पूर्व) कोण की ओर रखें।
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