जीने के लिए सबसे जरूरी है खाना। भोजन के संबंध में ज्योतिष और वास्तु शास्त्र में कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं। जिससे खाना शरीर को ऊर्जा तो प्रदान करता है साथ ही सभी देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त कराता है।
वास्तु के अनुसार खाना कैसे बर्तनों में खाना चाहिए? इस संबंध में खास बातें बताई गई हैं। भोजन हमेशा एकदम साफ बर्तनों में ही खाना चाहिए। बर्तन पर किसी भी प्रकार की धूल या गंदगी नहीं होना चाहिए। बर्तन कहीं से टूटे-फूटे न हो। यदि किसी बर्तन में कोई स्क्रेच जैसा निशान हो तो उसे भी खाने के उपयोग में नहीं लेना चाहिए। तांबे के बर्तन से पानी पीना बहुत फायदेमंद होता है। इस पानी से पेट संबंधी कई छोटी-छोटी मौसमी बीमारियां हमेशा दूर ही रहती हैं।
ऐसे बर्तन भी भोजन के उपयोग में नहीं लेना चाहिए जिन पर नकारात्मक दृश्य वाली डिजाइन हो। वास्तु के अनुसार ऐसे बर्तनों में खाना खाने से हमारे विचार नेगेटिव बनते हैं। जिसका हमारे कार्य पर बुरा असर पड़ता है। वहीं ज्योतिष के अनुसार इस प्रकार के बर्तनों में खाना खाने से दरिद्रता बढ़ती है और धन संबंधी परेशानियां झेलनी पड़ सकती है। इसी वजह से एकदम साफ और अच्छे बर्तनों में ही खाना चाहिए।
वास्तु के अनुसार खाना कैसे बर्तनों में खाना चाहिए? इस संबंध में खास बातें बताई गई हैं। भोजन हमेशा एकदम साफ बर्तनों में ही खाना चाहिए। बर्तन पर किसी भी प्रकार की धूल या गंदगी नहीं होना चाहिए। बर्तन कहीं से टूटे-फूटे न हो। यदि किसी बर्तन में कोई स्क्रेच जैसा निशान हो तो उसे भी खाने के उपयोग में नहीं लेना चाहिए। तांबे के बर्तन से पानी पीना बहुत फायदेमंद होता है। इस पानी से पेट संबंधी कई छोटी-छोटी मौसमी बीमारियां हमेशा दूर ही रहती हैं।
ऐसे बर्तन भी भोजन के उपयोग में नहीं लेना चाहिए जिन पर नकारात्मक दृश्य वाली डिजाइन हो। वास्तु के अनुसार ऐसे बर्तनों में खाना खाने से हमारे विचार नेगेटिव बनते हैं। जिसका हमारे कार्य पर बुरा असर पड़ता है। वहीं ज्योतिष के अनुसार इस प्रकार के बर्तनों में खाना खाने से दरिद्रता बढ़ती है और धन संबंधी परेशानियां झेलनी पड़ सकती है। इसी वजह से एकदम साफ और अच्छे बर्तनों में ही खाना चाहिए।
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