बेमेल विवाह और जन्मकुंडली
हमारे समाज में बेमेल विवाह एक मामूली सी बात है | इसमें पति और पत्नी में भारी अंतर होता है | अधिकतर मामलों में पति की उम्र विवाह के समय पत्नी से दुगनी होती है | महिलाएं इससे सर्वाधिक प्रभावित हैं | जैसा कि देखने में आता है कि पति पत्नी में काफी अंतर दिखाई देता है | सामान्य न लगने वाला यह संजोग बेमेल विवाह कहलाता है | हाल भी में उत्तर प्रदेश के कटिहार से एक ईमेल के जरिये एक नवविवाहिता ने अपने बारे में पूछा कि ऐसे क्यों हुआ | क्यों उसकी शादी उससे कम पढ़े लिखे युवक से कर दी गई | उस महिला ने बताया कि स्नातकोत्तर की डिग्री होते हुए भी एक ड्राइवर से उसकी शादी हो गई जो कि मैट्रिक भी पास नहीं है |
शिक्षा की दृष्टि से देखें या करियर की दृष्टि से | उम्र के लिहाज से या शरीर के किसी नुख्स के नजरिये से, हर कोई बेमेल विवाह से दुखी हो सकता है | विशेषकर तब जबकि व्यक्ति विशेष को इस बात का पहले से पता न हो कि उसके साथ क्या होने जा रहा है |
हाल ही में अम्बाला में ३३ वर्षीय एक लड़की को मंगलीक होने की वजह से जब कोई उपयुक्त वर नहीं मिला तो उसने २३ वर्षीय एक लड़के के साथ गुपचुप विवाह कर लिया और अपने परिवार से नाता तोड़ लिया | अपने से बड़ी उम्र की दुल्हन के साथ विवाह करने वाला कोई भी व्यक्ति कभी तो यह महसूस करेगा ही कि यह अनमेल विवाह क्यों हुआ |
चाहे कोई अपनी छात्रा से विवाह करे या दो लड़के आपस में विवाह करें, चाहे उम्र का फासला अधिक हो या पत्नी ज्यादा कमाती हो | गोर काले का भेद हो या दोनों में से एक बेहद खूबसूरत और दूसरा बदसूरत | सवाल अनपढ़ और पढ़े लिखे का हो या गरीब अमीर का | सभी चीजों को लोग बेमेल मानते हैं और ये नहीं जानते कि ये बेमेल विवाह उनके कर्मों के अनुसार परमात्मा की इच्छा से मिला है जिसे दोष नहीं दिया जा सकता |
सबकी अपनी अपनी सोच है | मेरी सोच केवल यही है कि जो भी होता है आपके कर्मानुसार पूर्वनिर्धारित है जिसे भगवान् की इच्छा समझ कर ग्रहण करना चाहिए | फिर भी पिछले कुछ दिनों में लोगों ने बेहद सवाल किये हैं कि ऐसा क्यों होता है | कुछ लोग जानना चाहते हैं कि उनके विवाह से पहले उन्हें इस बात की सूचना मिल जाए तो बेमेल विवाह नहीं होंगे |
यह आपकी सोच है परन्तु मेरे अनुसार बेमेल विवाह वह है जिसमे एक व्यक्ति घोर मंगलीक है और दूसरा कुंडली में विशवास न रखते हुए बिना मिलान किये शादी करने को तैयार है | बेमेल विवाह वो है जिसमे एक को पता है कि वो मंगली है और दूसरा नहीं | बेमेल विवाह वह है जिसमे धोखा दिया जाए और असलियत छुपा ली जाए |
संभव है कि यदि आप अपनी कुंडली का निरीक्षण करके अपने भाग्य का पता लगा कर अपने जीवन साथी के बारे में सचेत हो जाएँ तो जन्म लेने से पहले ही विवाद ख़त्म हो जाए | इसी आशा के साथ प्रस्तुत हैं ऐसे विवाह योग जिन्हें आप अपनी कुंडली में आसानी से देख सकते हैं |
कुंडली के अनुसार बेमेल विवाह
यदि आपकी कुंडली में सप्तमेश लग्न से असाधारण रूप से बलवान है तो आपमें और आपके जीवनसाथी में काफी अंतर होगा |
यदि पुरुष की कुंडली में शुक्र नीच का हो और सप्तमेश शुक्र का शत्रु हो जैसे कि सूर्य, मंगल या चन्द्र तो विवाह अनमेल होगा | ऐसे योग में आपकी पत्नी में और आपमें बहुत अधिक अंतर होगा |
यदि किसी भी प्रकार से मंगल की दृष्टि शुक्र और सप्तम स्थान दोनों पर पड़ती हो तो विवाह अनमेल होगा | पति या पत्नी में से कोई एक अपंग होगा |
शुक्र या गुरु को मंगल और शनि देख रहे हों और सप्तम स्थान पर कोई शुभ ग्रह न हो तो विवाह अनमेल होगा | इस योग में विवाह के बाद दोनों में से कोई एक मोटापे की और अग्रसर हो जाता है
गुरु लग्न में वृषभ, मिथुन, कन्या राशी में हो और उस पर शनि की दृष्टि हो तो व्यक्ति का शरीर विवाह के बाद बहुत बेडोल हो जाता है इसके विपरीत यदि शुक्र स्वराशी में या अच्छी स्थिति में हो तो पति पत्नी में जमीन आसमान का फर्क नज़र आता है |
शनि लग्न में हो और गुरु सप्तम में हो तो पति पत्नी की उम्र में काफी अंतर होता है |
राहू केतु लग्न और सप्तम में हों और लग्न या सप्तम भाव पर शनि की दृष्टि हो तो देखने में पति पत्नी की सुन्दरता में भारी अंतर होता है यानि एक बेहद खूबसूरत और दूसरा इसके विपरीत |
क्या कारण हैं
लग्न आपका अपना शरीर है और सातवाँ घर आपके पति या पत्नी का परिचायक है | यदि खूबसूरती का प्रश्न हो तो सब जानते हैं कि राहू और शनि खूबसूरती में दोष उत्पन्न करते हैं | गुरु मोटापा बढाता है | शुक्र के कमजोर होने से शरीर में खूबसूरती और आकर्षण का अभाव रहता है | मंगल शरीर के किसी अंग में कमी ला सकता है और राहू सच को छिपा कर आपको वो दिखाता है जो आप देखना चाहते हैं |
इसी कारण ऐसा होता है और यदि आपको ये वहम हो जाए कि आपके साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ है या हो सकता है तो आपके विचार और प्रश्न आमंत्रित हैं | यदि मैं माध्यम बनकर आपके बेमेल विवाह में बाधक बन सकूं तो हो सकता है कि यह भी परमपिता परमात्मा की ही इच्छा हो |
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