जानिए पूर्व जन्म में आपने कौन सा काम किया है
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कहते हैं जीवन में जो भी सुख और दुःख मिलता है उसका संबंध पूर्व जन्म के कर्मों से होता है। इसलिए जीवन में परेशानी आने पर हम सोचने लगते हैं कि आखिर पूर्व जन्म में हमने ऐसी कौन सी गलतियां की है जिसकी सजा हमे भगवान दे रहा है। अगर आपको यह जानने की चाहत है कि पूर्व जन्म में आपने कौन सी गलतियां की हैं तो इसमें लाल किताब आपकी मदद कर सकता है।
सरकारी कार्यों में बेईमानी का परिणाम
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लाल किताब में बताया गया है कि पूर्व जन्म के कर्मों को कुण्डली के आठवें घर से जाना जा सकता है। अगर आपकी कुण्डली में आठवें घर में सूर्य बैठा है और आपको जन्म स्थान से दूर संघर्ष पूर्ण जीवन बिताना पड़ रहा है।
इसका मतलब है कि पूर्व जन्म में आपने किसी बेकसूर व्यक्ति को सताया है। पूर्व जन्म में सरकारी क्षेत्र से जुड़े कार्यों में रहकर बेईमानी करने वाले को वर्तमान जीवन में सरकारी दंड एवं सरकारी क्षेत्र से जुड़े कार्यों में बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
बार-बार असफलता का कारण
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जिनकी कुण्डली में गुरू आठवें घर में अशुभ स्थिति में होता है उन्हें बार-बार अपने प्रयास में असफलताओं का सामना करना पड़ता है। परिश्रम करने पर भी इनके हिस्से का यश और सम्मान किसी और को मिल जाता है। संतान सुख के मामले में इन्हें कष्ट का सामना करना पड़ता है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जो लोग पूर्व जन्म में अपने माता-पिता, गुरूजन एवं आश्रितों का अनादर करते हैं। शरण में आए व्यक्ति के साथ धोखा करते हैं उनकी कुण्डली में गुरू आठवें घर में बैठकर उन्हें पूर्व जन्म में किए कर्मों की सजा देता है।
तब दूसरों के किए गलती की सजा मिलती है
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ज्योतिषशास्त्र में शनि को न्यायकर्ता कहा गया है। जिनकी कुण्डली में शनि आठवें घर में हो और दूसरों के किए गलतियों की सजा भुगतनी पड़े तो समझ लीजिए कि आपने पूर्व जन्म में किसी लाचार व्यक्ति को सताया है। जो लोग मदिरा का सेवन करते हैं और परस्त्री से संबंध के कारण अपनी जिम्मेदारियों को नहीं निभाते हैं।
उनकी कुण्डली शनि आठवें घर में बैठकर पूर्व जन्म में किए पाप का दंड देता है। ऐसे व्यक्तियों को अधिकारियों से दंड मिलता है। बार-बार अपमानित होते हैं तथा संपत्ति विवाद में उलझते हैं। परिश्रम से प्राप्त सफलता भी अधिक समय तक कायम नहीं रह पाती है।
पूर्वजन्म में जीवनसाथी को सताने वाले
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शुक्र वैवाहिक जीवन एवं भौतिक सुख का कारण होता है। यह कुण्डली में शुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति का दांपत्य जीवन सुखद होता है और धन वैभव की प्राप्ति होती है। लेकिन जो लोग पूर्व जन्म में जीवनसाथी को सताते हैं और परस्त्री अथवा पुरूष से संबंध रखते हैं उनकी कुण्डली में शुक्र अशुभ होकर आठवें घर में बैठता है। ऐसे व्यक्ति को धन की लालच के कारण समाज में अपमानित होना पड़ता है। इनका दांपत्य जीवन कष्टमय होता है। प्रेम में इन्हें असफलता मिलती है।
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कहते हैं जीवन में जो भी सुख और दुःख मिलता है उसका संबंध पूर्व जन्म के कर्मों से होता है। इसलिए जीवन में परेशानी आने पर हम सोचने लगते हैं कि आखिर पूर्व जन्म में हमने ऐसी कौन सी गलतियां की है जिसकी सजा हमे भगवान दे रहा है। अगर आपको यह जानने की चाहत है कि पूर्व जन्म में आपने कौन सी गलतियां की हैं तो इसमें लाल किताब आपकी मदद कर सकता है।
सरकारी कार्यों में बेईमानी का परिणाम
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लाल किताब में बताया गया है कि पूर्व जन्म के कर्मों को कुण्डली के आठवें घर से जाना जा सकता है। अगर आपकी कुण्डली में आठवें घर में सूर्य बैठा है और आपको जन्म स्थान से दूर संघर्ष पूर्ण जीवन बिताना पड़ रहा है।
इसका मतलब है कि पूर्व जन्म में आपने किसी बेकसूर व्यक्ति को सताया है। पूर्व जन्म में सरकारी क्षेत्र से जुड़े कार्यों में रहकर बेईमानी करने वाले को वर्तमान जीवन में सरकारी दंड एवं सरकारी क्षेत्र से जुड़े कार्यों में बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
बार-बार असफलता का कारण
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जिनकी कुण्डली में गुरू आठवें घर में अशुभ स्थिति में होता है उन्हें बार-बार अपने प्रयास में असफलताओं का सामना करना पड़ता है। परिश्रम करने पर भी इनके हिस्से का यश और सम्मान किसी और को मिल जाता है। संतान सुख के मामले में इन्हें कष्ट का सामना करना पड़ता है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जो लोग पूर्व जन्म में अपने माता-पिता, गुरूजन एवं आश्रितों का अनादर करते हैं। शरण में आए व्यक्ति के साथ धोखा करते हैं उनकी कुण्डली में गुरू आठवें घर में बैठकर उन्हें पूर्व जन्म में किए कर्मों की सजा देता है।
तब दूसरों के किए गलती की सजा मिलती है
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ज्योतिषशास्त्र में शनि को न्यायकर्ता कहा गया है। जिनकी कुण्डली में शनि आठवें घर में हो और दूसरों के किए गलतियों की सजा भुगतनी पड़े तो समझ लीजिए कि आपने पूर्व जन्म में किसी लाचार व्यक्ति को सताया है। जो लोग मदिरा का सेवन करते हैं और परस्त्री से संबंध के कारण अपनी जिम्मेदारियों को नहीं निभाते हैं।
उनकी कुण्डली शनि आठवें घर में बैठकर पूर्व जन्म में किए पाप का दंड देता है। ऐसे व्यक्तियों को अधिकारियों से दंड मिलता है। बार-बार अपमानित होते हैं तथा संपत्ति विवाद में उलझते हैं। परिश्रम से प्राप्त सफलता भी अधिक समय तक कायम नहीं रह पाती है।
पूर्वजन्म में जीवनसाथी को सताने वाले
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शुक्र वैवाहिक जीवन एवं भौतिक सुख का कारण होता है। यह कुण्डली में शुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति का दांपत्य जीवन सुखद होता है और धन वैभव की प्राप्ति होती है। लेकिन जो लोग पूर्व जन्म में जीवनसाथी को सताते हैं और परस्त्री अथवा पुरूष से संबंध रखते हैं उनकी कुण्डली में शुक्र अशुभ होकर आठवें घर में बैठता है। ऐसे व्यक्ति को धन की लालच के कारण समाज में अपमानित होना पड़ता है। इनका दांपत्य जीवन कष्टमय होता है। प्रेम में इन्हें असफलता मिलती है।
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