वैसे तो लगभग हर व्यक्ति सूरजमुखी के पौधे से परिचित होगा, परन्तु यह
शायद कम लोगों को ही मालूम हो कि इसके प्रयोग से निर्बल गुरू ग्रह को बलवान
किया जा सकता है। आइये बताते हैं कि किस प्रकार से इसका प्रयोग करके गुरू
ग्रह को बलनाव किया जाये।
1- यदि किसी जातक का गुरू ग्रह पीडि़त होकर अशुभ फल दे रहा। वह व्यक्ति शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरूवार के दिन दोपहर में 12 बजे के आस-पास किसी नवग्रह मन्दिर में जाकर गुरू ग्रह को सूरजमुखी के पुष्प अर्पित करना चाहिए। यह उपाय कम से कम 9 गुरूवार लगातार करने से लाभ मिलेगा। जिन कन्याओं के विवाह में बाधा आ रही है, यह उपाय करने से उनका विवाह शीघ्र ही हो जायेगा।
2- शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरूवार के दिन शुभ मुहूर्त में पूर्व निमंत्रित करके इसकी जड़ को निकाल लें। जड़ के इस टुकड़े को प्रति गुरूवार स्नान जल में डालकर उसी जल स्नान करें। ऐसा प्रयोग कम से कम 9 गुरूवार लगातार करने से गुरू ग्रह शुभ फल देने लगता है।
3- सूरजमुखी के बीजों कोलेस्ट्राल कम करने का अद्भुत औषधीय गुण होता है। यदि प्रातः काल 1 चम्मच सूरजमुखी के अंकुरित बीजों का नित्य सेंवन किया जाये तो शरीर में कोलेस्ट्राल की मात्रा कुछ ही समय में कम हो जायेगी।
4- सूरजमुखी का पौधा मकान की सीमा में होने से सकारात्मक उर्जा का संचरण करता है जिससे परिवार के सदस्यों में आपसी प्रेम व सौहार्द बनाता रहता है।
1- यदि किसी जातक का गुरू ग्रह पीडि़त होकर अशुभ फल दे रहा। वह व्यक्ति शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरूवार के दिन दोपहर में 12 बजे के आस-पास किसी नवग्रह मन्दिर में जाकर गुरू ग्रह को सूरजमुखी के पुष्प अर्पित करना चाहिए। यह उपाय कम से कम 9 गुरूवार लगातार करने से लाभ मिलेगा। जिन कन्याओं के विवाह में बाधा आ रही है, यह उपाय करने से उनका विवाह शीघ्र ही हो जायेगा।
2- शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरूवार के दिन शुभ मुहूर्त में पूर्व निमंत्रित करके इसकी जड़ को निकाल लें। जड़ के इस टुकड़े को प्रति गुरूवार स्नान जल में डालकर उसी जल स्नान करें। ऐसा प्रयोग कम से कम 9 गुरूवार लगातार करने से गुरू ग्रह शुभ फल देने लगता है।
3- सूरजमुखी के बीजों कोलेस्ट्राल कम करने का अद्भुत औषधीय गुण होता है। यदि प्रातः काल 1 चम्मच सूरजमुखी के अंकुरित बीजों का नित्य सेंवन किया जाये तो शरीर में कोलेस्ट्राल की मात्रा कुछ ही समय में कम हो जायेगी।
4- सूरजमुखी का पौधा मकान की सीमा में होने से सकारात्मक उर्जा का संचरण करता है जिससे परिवार के सदस्यों में आपसी प्रेम व सौहार्द बनाता रहता है।
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