Monday, February 27, 2012

सुखी होगा दांपत्य जीवन

पति-पत्नी एक गाड़ी के दो पहिए होते हैं। यानी एक-दूसरे के बिना वे अधूरे हैं। इसके बाद भी पति-पत्नी में विवाद होते रहते हैं। कई बार विवाद काफी बड़ भी जाते हैं। गुप्त नवरात्रि में कुछ साधारण उपाय करने से दाम्पत्य जीवन में आ रही परेशानियों को दूर किया जा सकता है। ये उपाय इस प्रकार हैं-

उपाय



- यदि जीवनसाथी से अनबन होती रहती है तो गुप्त नवरात्रि में नीचे लिखे मंत्र को पढ़ते हुए 108 बार अग्नि में घी से आहुतियां दें। इससे यह मंत्र सिद्ध हो जाएगा। अब नित्य सुबह उठकर पूजा के समय इस मंत्र को 21 बार पढ़ें। यदि संभव हो तो अपने जीवनसाथी से भी इस मंत्र का जप करने के लिए कहें-

सब नर करहिं परस्पर प्रीति।

चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीति।।

- गुप्त नवरात्रि के दौरान यदि रोज सुबह-शाम यदि घर में शंख बजाया जाए अथवा गायत्री मंत्र का जप करें गृहक्लेश समाप्त हो जाता है।

चाहिए मनचाही दुल्हन तो आज ये उपाय करें

गुप्त नवरात्रि में की गई पूजा विशेष फलदाई रहती है। यदि आप चाहते हैं कि आपका विवाह आपकी मनचाही लड़की से हो तो नीचे लिखा उपाय करें। आपकी मनोकामना जरुर पूरी होगी।

उपाय

नवरात्रि के दौरान जो भी सोमवार (30 जनवरी) आए। उस दिन सुबह किसी शिव मंदिर में जाएं। वहां शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शहद और शक्कर चढ़ाते हुए उसे अच्छी तरह से साफ करें। फिर शुद्ध जल चढ़ाएं और पूरे मंदिर में झाड़ू लगाकर उसे साफ करें। अब भगवान शिव की चंदन, पुष्प एवं धूप, दीप आदि से पूजा-अर्चना करें। रात्रि 10 बजे के पश्चात अग्नि प्रज्वलित कर ऊँ नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए घी से 108 आहुति दें। अब 40 दिनों तक नित्य इसी मंत्र का पांच माला जप भगवान शिव के सम्मुख करें। इससे शीघ्र ही आपकी मनोकामना पूर्ण होगी और आपको मनचाही दुल्हन मिलेगी।

चाहते हैं कोर्ट केस जीतना तो यह टोटका करें

क्या आपका कोई कोर्ट केस लंबे समय से चल रहा है जिसके कारण आप अक्सर परेशान रहते हैं तो अब आपको कोर्ट केस को लेकर परेशान होने की जरुरत बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि नीचे लिखे एक साधारण उपाय करने से कोर्ट केस का फैसला आपके पक्ष में हो सकता है। यह उपाय करते समय मन में पूर्ण श्रृद्धा का होना बहुत जरुरी है।

टोटका

मंगलवार के दिन से शुरु करके हर रोज शाम को चार-पांच बजे के करीब गेहूं की रोटी के चूरे में देशी घी और चीनी मिलाकर कौओं को खिलाएं। ऐसा तबतक करते रहें जब तक कि मुकद्मा चलता रहे। तारीख वाले दिन उन्हीं कौओं में से किसी का एक पंख अपनी दाईं तरफ की जेब में डालकर अदालत में हाजिर हों। इसके प्रभाव से केस का फैसला आपके पक्ष में हो जाएगा। जब मुकद्मा जीत जाएं तो कौओं को रोटी खिलाने का प्रयोग कम से कम एक हफ्ते तक और करते रहें।

जल्दी हो जाएगी शादी

वर्तमान समय में समय पर विवाह न हो पाना एक आम समस्या बन चुकी है। इसके कई कारण हो सकते हैं। जैसे-जैसे विवाह योग्य युवक-युवती की उम्र बढ़ती जाती है। माता-पिता की चिंता भी बढ़ती जाती है। इस समस्या के निदान के लिए यदि नीचे लिखा छोटा सा उपाय किया जाए तो अतिशीघ्र विवाह हो जाता है। उपाय इस प्रकार है-

उपाय

विवाह योग्य युवक-युवती शुक्रवार के दिन भगवान शंकर के मंदिर में जाकर जलाभिषेक करें यानी जल चढ़ाएं। इसके बाद 108 आंकड़े के फूल चढ़ाते हुए ऊँ नम: शिवाय: मंत्र का जप मन ही मन में करें। इसके बाद 21 बेलपत्र चढ़ा कर शीघ्र विवाह के लिए प्रार्थना करें। यह उपाय कम से कम 7 शुक्रवार तक नियमित रूप से करें तो जल्दी ही विवाह संपन्न हो जाता है।




यदि आप चाहती हैं कि आपको मनचाहा पति मिले तो इसके लिए आपको रामचरित मानस की नीचे लिखी चौपाई का विधि-विधान से जप करना होगा। रामचरितमानस में तुलसीदासजी ने ऐसी कई चौपाइयां लिखी हैं जिनका जप करने से मनुष्य की कई परेशानियां समाप्त हो जाती हैं। उन्हीं में से एक चौपाई यह भी है, जिसका जप करने से मनचाहा वर प्राप्त होता है। यह चौपाई बालकाण्ड में सीताजी के गौरी पूजन प्रसंग की है।



चौपाई

सुनु सिय सत्य असीस हमारी। पूजिहि मन कामना तुम्हारी।।

जप विधि

- सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि नित्य कर्म करने के बाद माता पार्वती का विधि-विधान से पूजन करें।

- इसके बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठें।

- तत्पश्चात रुद्राक्ष की माला से ऊपर लिखी चौपाई का जप करें। कम से कम 5 माला जप अवश्य करें।

- इस प्रकार प्रतिदिन इस चौपाई का जप करने से मनचाहा वर प्राप्त होता है।




जानिए, कैसे लोगों को दिखाई देते हैं भूत-प्रेत

हमारे आस-पास कई ऐसी अदृश्य शक्तियां उपस्थित रहती है जिन्हें हम देख नहीं पाते। यह शक्तियां नकारात्मक भी होती है और सकारात्मक भी। सिर्फ कुछ लोग ही इन्हें देख या महसूस कर पाते हैं। राक्षस गण वाले लोगों को भी इन शक्तियों का अहसास तुरंत हो जाता है। ऐसे लोग भूत-प्रेत व आत्मा आदि शक्तियों को तुरंत ही भांप जाते हैं।

क्या हैं राक्षस गण?

राक्षस गण, यह शब्द जीवन में कई बार सुनने में आता है लेकिन कुछ ही लोग इसका मतलब जानते हैं। यह शब्द सुनते ही मन और मस्तिष्क में एक अजीब सा भय भी उत्पन्न होने लगता है और हमारा मन राक्षस गण वाले लोगों के बारे में कई  कल्पनाएं भी करने लगता है। जबकि सच्चाई काफी अलग है। ज्योतिष शास्त्र के आधार पर प्रत्येक मनुष्य को तीन गणों में बांटा गया है। मनुष्य गण, देव गण व राक्षस गण।

कैसे पहचाने गण को?

कौन सा व्यक्ति किस गण का है यह कुंडली के माध्यम से जाना जा सकता है। मनुष्य गण तथा देव गण वाले लोग सामान्य होते हैं। जबकि राक्षस गण वाले जो लोग होते हैं उनमें एक नैसर्गिक गुण होता है कि यदि उनके आस-पास कोई नकरात्मक शक्ति है तो उन्हें तुरंत इसका अहसास हो जाता है। कई बार इन लोगों को यह शक्तियां दिखाई भी देती हैं लेकिन इसी गण के प्रभाव से इनमें इतनी क्षमता भी आ जाती है कि वे इनसे जल्दी ही भयभीत नहीं होते। राक्षस गण वाले लोग साहसी भी होते हैं तथा विपरीत परिस्थिति में भी घबराते नहीं हैं।

इन छोटे उपायों से भी दूर हो सकता है वास्तु दोष

वास्तु न सिर्फ आपके घर को बल्कि आपके जीवन को भी प्रभावित करता है। जीवन में आने वाली परेशानियों का कारण घर का वास्तु दोष भी हो सकता है। नीचे लिखे कुछ सरल उपाय कर इन वास्तु दोषों को दूर किया जा सकता है-

1- डाइनिंग हॉल की दीवारों पर फल-फूलों व प्राकृतिक दृश्यों के अच्छे चित्र लगाए जा सकते हैं।

2- अनुपयोगी वस्तुएं घर में न रखें। उन्हें घर से निकालते रहें।

3- यदि जनरेटर सेट अथवा इन्वर्टर ईशान में हो तो उसे वहां से हटाकर आग्नेय कोण में स्थापित करें।

4- स्वस्तिक, मंगल कलश, ओम, 786 आदि मंगल चिन्हों की तस्वीरें घर  में अवश्य लगाएं। इनसे घर में सुख-शांति बढ़ती है।

5- पूर्वजों के चित्र, देवी-देवताओं के साथ कभी न लगाएं।

6- शयन कक्ष में सदैव सुंदर, कलात्मक फूलों या हंसते हुए बच्चों की तस्वीरें लगाने से नींद भी बेहतर आती है।

7- डाइनिंग हॉल की दीवारों का रंग हल्का व शांत व शीतलता प्रदान करने वाला हो। भारी सजावट से भी बचें।

Sunday, February 26, 2012

राशि अनुसार करें यह उपाय, बिजनेस में मिलेगी सक्सेस

क्या आपका बिजनेस ठीक से नहीं चल रहा या फिर आपको बिजनेस में सक्सेस नहीं मिल पा रही है। यदि आप चाहते हैं कि आपको बिजनेस में जबर्दस्त सक्सेस मिले तो आपको नीचे लिखे उपाय करने होंगे। ये उपाय राशि के अनुसार हैं यानी अपनी राशि के अनुसार ही आपको उपाय करना है। ये उपाय इस प्रकार हैं-

मेष- इस राशि के लोग लाल कपड़े में सवा किलो मसूर की दाल बांधकर घर या अपनी दुकान में रखें। दुकान ठीक से चलने लगेगी।

वृषभ- वृषभ राशि के लोग गंगा या अन्य पवित्र नदी का जल मटके में लेकर उसे सफेद कपड़े से ढंककर अपने घर, दुकान या कारखाने में रखें।

मिथुन- मिथुन राशि के लोग एक कांसे का बर्तन हरे कपड़े में बांधकर घर और दुकान में पूर्व दिशा की ओर रखें। तरक्की अवश्य होगी।

कर्क- इस राशि के लोग चांदी का एक सिक्का किसी डिब्बी या बर्तन में भरे पानी में डालकर घर या दुकान में पूर्व दिशा में रखें।

सिंह- सिंह राशि वाले लोग एक कटोरी में सैंधा नमक भरें और उसे घर एवं व्यापार स्थर पर पूर्व दिशा में रखें।

कन्या- इस राशि के जातक कटोरी में कर्पूर डूबोकर दुकान या घर में पूर्व दिशा की ओर रखें।

तुला- कोई भी सफेद रंग की मूर्ति घर या व्यापार स्थल पर रखें। यह जरुरी नहीं कि मूर्ति किसी देवी-देवता की ही हो।

वृश्चिक- इस राशि वालों को शहद की शीशी लाल कपड़े में लपेट कर घर या दुकान के दक्षिणी कोने में रखनी चाहिए।

धनु- धनु राशि के  लोगों को पीले कपड़े में कोई भी धार्मिक पुस्तक लपेट कर निवास, दुकान या फैक्ट्री के पूर्वी कोने में रखें।

मकर- मकर राशि के लोगों के लिए नारियल के तेल में काले तिल एवं नारियल पर काला धागा बांध कर दोनों वस्तुएं घर या दुकान के पूर्वी कोने में रखना शुभ होता है।

कुंभ- नारियल के दो सूखे गोलों में अनाज भरकर एक का दान कर दें और दूसरा घर या दुकान में रखें।

मीन- मीन राशि के जातक 21 सिक्के पीले कपड़े में बांध कर घर या दुकान के ईशान कोण में रखें

कुंडली से जानिए, कितने मकानों के मालिक बनेंगे आप

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति की कुंडली देखकर यह बताया जा सकता है कि उसके पास स्वयं का घर होगा या नहीं या फिर वह कितने मकानों का मालिक होगा। नीचे कुछ ऐसे ही योग दिए गए हैं जिनसे आप जान सकते हैं कि आपके भाग्य में कितने मकान हैं-

1- जन्म कुण्डली के चौथे भाव में या चौथे भाव का स्वामी चर राशि(मेष, कर्क, तुला, मकर) में हो और चौथे भाव का स्वामी शुभ ग्रहों से युत हो तो ऐसा व्यक्ति अनेक भवनों में रहता है और उसे अनेक भवन बदलने पड़ते हैं। यदि चर की जगह स्थिर राशि (वृष, सिंह, वृश्चिक, कुंभ) हो तो व्यक्ति के पास स्थाई भवन होते हैं।

2- जन्मकुण्डली के चौथे भाव का स्वामी (चतुर्थेश) बली हो तथा लग्न का स्वामी, चौथे भाव का स्वामी, दूसरे भाव का स्वामी इन तीनों में से जितने ग्रह केंद्र-त्रिकोण (1, 4, 5, 7, 10) भाव में हो उतने भवन होते हैं।

3- जन्मकुण्डली में नौंवे भाव का स्वामी दूसरे भाव में और दूसरे भाव का स्वामी नौवें भाव में स्थित हो अर्थात परिवर्तन योग हो तो ऐसे व्यक्ति का भाग्योदय बारहवें वर्ष में होता है और 32 वें वर्ष के उपरांत उसे वाहन, भवन और नौकर का सुख मिलता है।