सामान्य उपाय
1. आपका व्यवसाय यदि कम हो गया हो या किसी ने उसे बाँध दिया हो, तो दीपावली से पूर्व धनतेरस के दिन पूजा स्थल पर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर 'धनदा यन्त्र' को स्थापित करें और धूप, दीप दिखाएं, नैवेघ अर्पित करें. यह क्रिया करते समय मन ही मन श्रीं श्रीं मंत्र का जप करते रहें. प्रतिदिन नहा धोकर यन्त्र का निष्ठापूर्वक दर्शन करें.
2. दीपावली पूजन के समय 501 ग्राम चुहारों का पूजन करें. उनका तिलक करें, धुप दीप से आरती उतारें, प्रसाद का भोग लगाएं और रात्री भर पूजा स्थान पर रखा रहने दें. अगले दिन उन्हें लाल चमकीले या मखमली कपडे में बांधकर अपनी तिजोरी में रख दें. 51 दिन तक प्रतिदिन एक रूपया किसी भी मंदिर में माता लक्ष्मी को अर्पित करें. इससे वर्ष भर लक्ष्मी स्थिर रहती है.
3. कोर्ट कचहरी में मुकदमा चल रहा हो तो पांच गोमती चक्रों को दीपावली के दिन पूजन पर रखें. जब तारीख पर कोर्ट जाना हो तो उन्हें जेब में रख कर जाएं, जाते समय मन ही मन इश्वर से विजय की प्रार्थना करते रहें, सफलता प्राप्त होगी.
4. यदि आपका उधार लिया हुआ पैसा कोई लम्बे अरसे से नहीं लौटा रहा हो तो, उस व्यक्ति का नाम लेकर ग्यारह गोमती चक्र पर तिलक लगा कर, इष्ट देव का स्मरण कर, उससे निवेदन करें, कि मेरा पैसा जल्द से जल्द लौटा दो. इसके बाद पूजित गोमती चक्रों को पीपल के वृक्ष के पास जमीन में दबा दें.
5. व्यापार में हानि, धन नाश, बढ़ते कर्ज, व्यापार में बाधा आदि से मुक्ति पाने के लिए. दीपावली के दिन श्वेतार्क गणपति को गंगाजल से स्नान कराकर लाल वस्त्र पर रखें. फिर उनके समीप लाल चन्दन का एक टुकड़ा, ग्यारह धनदायी कौडियाँ, ग्यारह गोमती चक्र एवं ताम्बे की पादुकाएं या ताम्बे का एक टुकड़ा रखें. शुद्ध घी का दीपक जलाएं और सफ़ेद कागज़ पर लाल चन्दन से अपनी दुकान का नाम लिखकर इसी सामग्री के पास रखें. लाल चन्दन की माला से "ॐ गं गणपतये नमः" का एक माला जप करें. लाल चन्दन की माला न हो तो रूद्राक्ष की माला से भी जप कर सकते हैं. फिर सारी सामग्री को उसी लाल वस्त्र में लपेट कर पोटली बना लें और उसे लाल मौली या रिबन से बांधें, धूप दीप दिखाएं व व्यापार स्थल में उत्तर पूर्व दिशा में बाँध दें. नित्य प्रातः व्यापार शुरू करने से पहले, उसे धूप दीप दिखाएं. ऐसा करते समय मन ही मन गणपति के पूर्वोक्त मंत्र का जप करते रहे. ऋण मुक्ति का यह बहुत प्रभावी उपाय है.
6. गाय को प्रतिदिन दो रोटी तेल लगाकर गुड रखकर खिलाएं, पक्षियों को दाना व जल दें और अपनी आय में से दो गरीबों को भरपेट भोजन कराते रहें, लाभ होगा.
7. कार्यसिद्धि के लिए कार्यसिद्धि यन्त्र अत्यंत फलदायी है. अपनी मनोकामना को लाल चन्दन से भोजपत्र पर लिख लें. लाल या पीले वस्त्र पर कार्यसिद्धि यन्त्र स्थापित करें. अगरबत्तियां व घी का दीपक जलाएं और आरती उतारें. कार्य सिद्ध हो जाने पर प्रभु के नाम पर कोई सत्कार्य जैसे कार्य करने को कहें. उदहारणतया पांच गरीबों को भोजन कराने, या घर में भजन कीर्तन कराने या फिर कोई भी सेवा करने का प्राण करें, कार्य सिद्ध हो जाने पर उसे भूलें नहीं. अब भोजपत्र को तह करके कार्यसिद्धि यन्त्र के नीचे रख दें. नित्य प्रति पांच अगरबत्तियां जलाएं और प्रतिदिन इक्कीस बार यन्त्र के सामने अपनी भोजपत्र पर लिखी मनोकामना को दोहराएं, अगरबत्तियों को मुख्यद्वार पर लगाएं. कुछ ही दिनों में आपका कार्य सिद्ध हो जाएगा.
9. यदि कमाई का कोई जरिया न हो, तो एक गिलास कच्चे दूध में, चीनी डाल कर जामुन वृक्ष की जड़ में चढ़ाएं. यह क्रिया धनतेरस से शुरू करें और चालीस दिन लगातार करें. कभी-कभी सफाई कर्मचारी को चाय की 250 ग्राम पत्ती या सिगरेट दान करें. सफ़ेद धागे में दीपावली पूजन के पश्चात धागे में दीपावली पूजन के पश्चात ताम्बे का सिक्का गले में पहनें. उस दिन रसोईघर में बैठकर भोजन करें. लाभ स्वयं दिखने लगेगा.
कार्य सिद्धि के लिए----
किसी भी कार्य विशेष की सिद्धि के लिए या इंटरव्यू में सफलता पाने के लए यह उपाय यदि श्रद्धापूर्वक किया जाए तो पक्ष में परनाम निश्चित है। काम के लिए बाहर जाते समय भगवान् का निर्माल्य का फूल हाथ में लें और 'गजानना गजानना' का मूंगे या रूद्राक्ष की माला से एक माला जप करें फिर फूल जेब में रख कर कार्य पर चले जाएं। किन्तु विदा होने के पूर्व गणपति की तस्वीर को प्रणाम कर लें। पीछे मुड कर न देखें, कार्य सिद्ध होकर रहेगा।
व्यापार वृद्धि के लिए---
शुक्ल पक्ष के बुधवार को बिल्ली की जेर चांदी के सिक्के के साथ लाल कपडे या थैली में रखकर श्रद्धापूर्वक तिजोरी में रखें। चांदी का सिक्का, चांदी का सिक्का न हो तो साधारण रूपये का सिक्का गंगाजल से शुद्ध करके साथ में रखें। ऐसा करने से निश्चित रूप से व्यापार में वृद्धि होगी।
शीघ्र विवाह के लिए---
आयु अधिक होने के बाद भी यदि कन्या का रिश्ता पक्का न हो रहा हो तो यह उपाय करें। शुक्रवार की रात आठ छुहारे लें। ये छुहारे शुक्रवार को ही खरीदें। इन्हें जल में उबाल लें और जल के साथ ही अपने सिरहाने रख कर सो जाएं। यह जल चांदी के गिलास में या कटोरे में रखें तो उत्तम होगा। अगले दिन शनिवार को प्रातः स्नान करने के बाद इस जल और छुहारों को किसी बहते जल में प्रवाहित कर दें।
घर के सदस्यों में आपसी स्नेह बढाने के लिए ---
स्फटिक माला से निम्न चौपाई का नित्य पाठ करें, परिवार के सदस्यों के साथ स्नेह बढेगा।
"जोही के जेहि पर सत्य सनेहु
सो तेहि मिलही न कछु संदेहु
मुकदमें में विजय प्राप्ति हेतु ----
हनुमान जी के पर्वत लिए चित्र के समक्ष शुक्ल पक्ष के मंगलवार से निम्नलिखित चौपाई का रूद्राक्ष की माला से नित्य दो माला पाठ करें। हनुमान जी की कृपा प्राप्त होगी और मुक़दमे में विजय मिलेगी। साथ ही हर प्रकार के क्लेश से मुक्ति मिलेगी। यह एक अचूक टोटका है। इसमें श्रद्धा जरूरी है।
'पवन तनय बल पवन समाना
बुद्धि विवेक विग्यान निधाना।
कवन सो काज कठिन जग माहि
जो नहि होई तात तुम पाहिं।
धन वृद्धि के लिए ----
हर बुधवार गाय को पीला पपीता खिलाएं, धन दिन दूना रात चौगुना बढेगा। यह टोटका शुक्ल पक्ष से शुरू करें।
मनोकामना की पूर्ती के लिए-----
शुभ मुहूर्त में श्री कार्य सिद्धि यन्त्र लें। भोजपत्र पर लाल चन्दन से अपनी मनोकामना लिख लें। गुलाब की ग्यारह अगरबत्तियों से आरती उतारें। कामना पूर्ती के बाद कोई शुभ काम करने का संकल्प लें। उदहारण के लिए कीर्तन भजन कराने, या किसी निश्चित संख्या में (सात, नौ आदि) गरीबों को भोजन कराना या भगवान् को वस्त्र अर्पित करना जिस भोज पत्र पर मनोकामना लिखी है उसकी चार तह बनाकर कार्यसिद्धि यन्त्र के नीचे रख दें और उसे नियमित रूप से गुलाब की पांच अगरबत्तियां दिखाएं व 21 बार अपनी मनोकामना कहें। फिर अगरबत्तियां मुख्य द्वार पर लगा दें। यह सारी क्रिया श्रद्धापूर्वक करें, मनोकामना पूरी होगी।
घर में झगड़े, कलह शांति के लिए -----
घर में झगड़े, कलह आदि होते हों तो महीने में एक बार दस किलो आटा व पांच किलो सरसों का तेल अनाथ आश्रम, साधु आश्रम, वृद्धाश्रम, अंधालय को दान दें। वातावरण अनुकूल होगा और कलह का नामोनिशान नहीं होगा।
1. आपका व्यवसाय यदि कम हो गया हो या किसी ने उसे बाँध दिया हो, तो दीपावली से पूर्व धनतेरस के दिन पूजा स्थल पर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर 'धनदा यन्त्र' को स्थापित करें और धूप, दीप दिखाएं, नैवेघ अर्पित करें. यह क्रिया करते समय मन ही मन श्रीं श्रीं मंत्र का जप करते रहें. प्रतिदिन नहा धोकर यन्त्र का निष्ठापूर्वक दर्शन करें.
2. दीपावली पूजन के समय 501 ग्राम चुहारों का पूजन करें. उनका तिलक करें, धुप दीप से आरती उतारें, प्रसाद का भोग लगाएं और रात्री भर पूजा स्थान पर रखा रहने दें. अगले दिन उन्हें लाल चमकीले या मखमली कपडे में बांधकर अपनी तिजोरी में रख दें. 51 दिन तक प्रतिदिन एक रूपया किसी भी मंदिर में माता लक्ष्मी को अर्पित करें. इससे वर्ष भर लक्ष्मी स्थिर रहती है.
3. कोर्ट कचहरी में मुकदमा चल रहा हो तो पांच गोमती चक्रों को दीपावली के दिन पूजन पर रखें. जब तारीख पर कोर्ट जाना हो तो उन्हें जेब में रख कर जाएं, जाते समय मन ही मन इश्वर से विजय की प्रार्थना करते रहें, सफलता प्राप्त होगी.
4. यदि आपका उधार लिया हुआ पैसा कोई लम्बे अरसे से नहीं लौटा रहा हो तो, उस व्यक्ति का नाम लेकर ग्यारह गोमती चक्र पर तिलक लगा कर, इष्ट देव का स्मरण कर, उससे निवेदन करें, कि मेरा पैसा जल्द से जल्द लौटा दो. इसके बाद पूजित गोमती चक्रों को पीपल के वृक्ष के पास जमीन में दबा दें.
5. व्यापार में हानि, धन नाश, बढ़ते कर्ज, व्यापार में बाधा आदि से मुक्ति पाने के लिए. दीपावली के दिन श्वेतार्क गणपति को गंगाजल से स्नान कराकर लाल वस्त्र पर रखें. फिर उनके समीप लाल चन्दन का एक टुकड़ा, ग्यारह धनदायी कौडियाँ, ग्यारह गोमती चक्र एवं ताम्बे की पादुकाएं या ताम्बे का एक टुकड़ा रखें. शुद्ध घी का दीपक जलाएं और सफ़ेद कागज़ पर लाल चन्दन से अपनी दुकान का नाम लिखकर इसी सामग्री के पास रखें. लाल चन्दन की माला से "ॐ गं गणपतये नमः" का एक माला जप करें. लाल चन्दन की माला न हो तो रूद्राक्ष की माला से भी जप कर सकते हैं. फिर सारी सामग्री को उसी लाल वस्त्र में लपेट कर पोटली बना लें और उसे लाल मौली या रिबन से बांधें, धूप दीप दिखाएं व व्यापार स्थल में उत्तर पूर्व दिशा में बाँध दें. नित्य प्रातः व्यापार शुरू करने से पहले, उसे धूप दीप दिखाएं. ऐसा करते समय मन ही मन गणपति के पूर्वोक्त मंत्र का जप करते रहे. ऋण मुक्ति का यह बहुत प्रभावी उपाय है.
6. गाय को प्रतिदिन दो रोटी तेल लगाकर गुड रखकर खिलाएं, पक्षियों को दाना व जल दें और अपनी आय में से दो गरीबों को भरपेट भोजन कराते रहें, लाभ होगा.
7. कार्यसिद्धि के लिए कार्यसिद्धि यन्त्र अत्यंत फलदायी है. अपनी मनोकामना को लाल चन्दन से भोजपत्र पर लिख लें. लाल या पीले वस्त्र पर कार्यसिद्धि यन्त्र स्थापित करें. अगरबत्तियां व घी का दीपक जलाएं और आरती उतारें. कार्य सिद्ध हो जाने पर प्रभु के नाम पर कोई सत्कार्य जैसे कार्य करने को कहें. उदहारणतया पांच गरीबों को भोजन कराने, या घर में भजन कीर्तन कराने या फिर कोई भी सेवा करने का प्राण करें, कार्य सिद्ध हो जाने पर उसे भूलें नहीं. अब भोजपत्र को तह करके कार्यसिद्धि यन्त्र के नीचे रख दें. नित्य प्रति पांच अगरबत्तियां जलाएं और प्रतिदिन इक्कीस बार यन्त्र के सामने अपनी भोजपत्र पर लिखी मनोकामना को दोहराएं, अगरबत्तियों को मुख्यद्वार पर लगाएं. कुछ ही दिनों में आपका कार्य सिद्ध हो जाएगा.
9. यदि कमाई का कोई जरिया न हो, तो एक गिलास कच्चे दूध में, चीनी डाल कर जामुन वृक्ष की जड़ में चढ़ाएं. यह क्रिया धनतेरस से शुरू करें और चालीस दिन लगातार करें. कभी-कभी सफाई कर्मचारी को चाय की 250 ग्राम पत्ती या सिगरेट दान करें. सफ़ेद धागे में दीपावली पूजन के पश्चात धागे में दीपावली पूजन के पश्चात ताम्बे का सिक्का गले में पहनें. उस दिन रसोईघर में बैठकर भोजन करें. लाभ स्वयं दिखने लगेगा.
कार्य सिद्धि के लिए----
किसी भी कार्य विशेष की सिद्धि के लिए या इंटरव्यू में सफलता पाने के लए यह उपाय यदि श्रद्धापूर्वक किया जाए तो पक्ष में परनाम निश्चित है। काम के लिए बाहर जाते समय भगवान् का निर्माल्य का फूल हाथ में लें और 'गजानना गजानना' का मूंगे या रूद्राक्ष की माला से एक माला जप करें फिर फूल जेब में रख कर कार्य पर चले जाएं। किन्तु विदा होने के पूर्व गणपति की तस्वीर को प्रणाम कर लें। पीछे मुड कर न देखें, कार्य सिद्ध होकर रहेगा।
व्यापार वृद्धि के लिए---
शुक्ल पक्ष के बुधवार को बिल्ली की जेर चांदी के सिक्के के साथ लाल कपडे या थैली में रखकर श्रद्धापूर्वक तिजोरी में रखें। चांदी का सिक्का, चांदी का सिक्का न हो तो साधारण रूपये का सिक्का गंगाजल से शुद्ध करके साथ में रखें। ऐसा करने से निश्चित रूप से व्यापार में वृद्धि होगी।
शीघ्र विवाह के लिए---
आयु अधिक होने के बाद भी यदि कन्या का रिश्ता पक्का न हो रहा हो तो यह उपाय करें। शुक्रवार की रात आठ छुहारे लें। ये छुहारे शुक्रवार को ही खरीदें। इन्हें जल में उबाल लें और जल के साथ ही अपने सिरहाने रख कर सो जाएं। यह जल चांदी के गिलास में या कटोरे में रखें तो उत्तम होगा। अगले दिन शनिवार को प्रातः स्नान करने के बाद इस जल और छुहारों को किसी बहते जल में प्रवाहित कर दें।
घर के सदस्यों में आपसी स्नेह बढाने के लिए ---
स्फटिक माला से निम्न चौपाई का नित्य पाठ करें, परिवार के सदस्यों के साथ स्नेह बढेगा।
"जोही के जेहि पर सत्य सनेहु
सो तेहि मिलही न कछु संदेहु
मुकदमें में विजय प्राप्ति हेतु ----
हनुमान जी के पर्वत लिए चित्र के समक्ष शुक्ल पक्ष के मंगलवार से निम्नलिखित चौपाई का रूद्राक्ष की माला से नित्य दो माला पाठ करें। हनुमान जी की कृपा प्राप्त होगी और मुक़दमे में विजय मिलेगी। साथ ही हर प्रकार के क्लेश से मुक्ति मिलेगी। यह एक अचूक टोटका है। इसमें श्रद्धा जरूरी है।
'पवन तनय बल पवन समाना
बुद्धि विवेक विग्यान निधाना।
कवन सो काज कठिन जग माहि
जो नहि होई तात तुम पाहिं।
धन वृद्धि के लिए ----
हर बुधवार गाय को पीला पपीता खिलाएं, धन दिन दूना रात चौगुना बढेगा। यह टोटका शुक्ल पक्ष से शुरू करें।
मनोकामना की पूर्ती के लिए-----
शुभ मुहूर्त में श्री कार्य सिद्धि यन्त्र लें। भोजपत्र पर लाल चन्दन से अपनी मनोकामना लिख लें। गुलाब की ग्यारह अगरबत्तियों से आरती उतारें। कामना पूर्ती के बाद कोई शुभ काम करने का संकल्प लें। उदहारण के लिए कीर्तन भजन कराने, या किसी निश्चित संख्या में (सात, नौ आदि) गरीबों को भोजन कराना या भगवान् को वस्त्र अर्पित करना जिस भोज पत्र पर मनोकामना लिखी है उसकी चार तह बनाकर कार्यसिद्धि यन्त्र के नीचे रख दें और उसे नियमित रूप से गुलाब की पांच अगरबत्तियां दिखाएं व 21 बार अपनी मनोकामना कहें। फिर अगरबत्तियां मुख्य द्वार पर लगा दें। यह सारी क्रिया श्रद्धापूर्वक करें, मनोकामना पूरी होगी।
घर में झगड़े, कलह शांति के लिए -----
घर में झगड़े, कलह आदि होते हों तो महीने में एक बार दस किलो आटा व पांच किलो सरसों का तेल अनाथ आश्रम, साधु आश्रम, वृद्धाश्रम, अंधालय को दान दें। वातावरण अनुकूल होगा और कलह का नामोनिशान नहीं होगा।
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