Thursday, April 21, 2011

किन ग्रहों की वजह से होते हैं पिंपल्स...?

सभी को सुंदर दिखाने का शौक होता है। हर कोई चाहता है लोग उनकी सुंदरता की तारीफ करें। यदि आप सुंदर है, आपके नाक-नक्ष आकर्षक हैं परंतु चेहरे पर कील-मुंहासे हैं तो हर बात बेकार हो जाती है। कील-मुंहासे चेहरों पर भद्दे दाग के समान होते हैं।

सामान्यत: माना जाता है कि कील-मुंहासे खून की खराबी से होते हैं। साथ ही खान-पान की गड़बड़ी भी कील-मुंहासों को पैदा कर देती है। इस बात से परेशान होकर आप डॉक्टर के पास जाते हैं। दवाइयां आदि लेने के बाद भी यदि कील-मुंहासे ठीक नहीं हो रहे हैं तो हो सकता है किसी ग्रह दोष की वजह से आपको इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार त्वचा रोग के लिए बुध ग्रह, शनि, राहु, मंगल के अशुभ होने पर तथा सूर्य, चंद्र के कमजोर होने पर त्वचा रोग होते हैं। कुण्डली में षष्ठम यानि छठां भाव त्वचा से संबंधित होता है।

यदि कुंडली में सप्तम स्थान पर केतु भी त्वचा रोग का कारण बन सकता हैै। बुध यदि बलवान है तो यह रोग पूरा असर नहीं दिखाता, वहीं बुध के कमजोर रहने पर निश्चित ही त्वचा रोग परेशान कर सकते हैं।

त्वचा रोग और ग्रह

- चंद्र के कारण पानी अथवा मवाद से भरी फुंसी व मुंहासे होती है।

- मंगल के कारण रक्त विकार वाले कील-मुंहासे होते हैं।

- राहु के प्रभाव से दर्द देने वाले कील-मुंहासे होते हैं।

कील-मुंहासों को दूर करने के उपाय

- यदि षष्ठम स्थान पर कोई अशुभ ग्रह है तो उसका उपचार कराएं।

- सूर्य मंत्रों या आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।

- शनिवार के दिन कुत्ते को तेल चुपड़ी रोटी खिलाएं।

- सरस्वती स्तोत्र का पाठ करें।

- पारद शिवलिंग का पूजन करें।

- प्रतिदिन सूर्य को जल चढ़ाएं और 7 परिक्रमा करें।

No comments: