Sunday, July 17, 2011
घर के बाहर कोयले से बनाए स्वस्तिक, आपके परिवार को होगा फायदा
किसी भी व्यक्ति के जीवन में बुरा समय कब शुरू हो जाए, इसका पहले से अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। कोई भी नहीं चाहता कि उनके जीवन में कभी भी बुरा समय आए, इसी वजह से कई प्रकार के प्रयत्न किए जाते हैं। कई बार हमारे सुख, हमारी खुशियों, हमारे परिवार, हमारे घर को किसी की बुरी नजर लग जाती है। जिससे कुछ न कुछ बुरा अवश्य ही होता है।
सूखा नारियल और बादाम नदी में बहाएं, पैसों के साथ मिलेगी खुशियां
देवी-देवताओं के पूजन में नारियल का खास महत्व है। ऐसा माना जाता है भगवान की पूजा में नारियल चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं। इसी वजह से नारियल के बिना किसी भी प्रकार का विधि-विधान से किया जाने वाला पूजन कर्म पूर्ण नहीं माना जा सकता। नारियल के महत्व को देखते हुए ज्योतिष में इससे संबंधित कई उपाय बताए गए हैं।
यदि कोई व्यक्ति जीवन में अत्यधिक कष्ट भोग रहा है और कार्यों में सफलता नहीं मिल रही है तो ज्योतिष कुछ उपाय बताए गए हैं। जिन्हें अपनाने से कई प्रकार के ग्रह दोष स्वत: ही दूर हो जाते हैं और सुख की प्राप्ति होती है।
वैसे तो सभी नौ ग्रहों का अपना अलग महत्व और अलग प्रभाव होता है लेकिन इन सभी शनि को अत्यधिक क्रूर ग्रह माना गया है। शनिदेव को न्यायाधीश का पद प्राप्त है। अत: ये हमारे कर्मों के अनुसार हमें शुभ या अशुभ फल प्रदान करते हैं। सामान्यत: शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या को परेशानियां देने वाला ही माना जाता है। इस समय में शनि के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए प्रति शनिवार किसी पवित्र बहती नदी में सूखा नारियल और बादाम प्रवाहित करें। इस उपाय को अपनाने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या में भी लाभ प्राप्त होता है। धन संबंधी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। घर-परिवार में खुशियोंभरा माहौल बना रहता है। इस उपाय के साथ शनिवार को तेल का दान करना भी अच्छा रहता है।
यदि कोई व्यक्ति जीवन में अत्यधिक कष्ट भोग रहा है और कार्यों में सफलता नहीं मिल रही है तो ज्योतिष कुछ उपाय बताए गए हैं। जिन्हें अपनाने से कई प्रकार के ग्रह दोष स्वत: ही दूर हो जाते हैं और सुख की प्राप्ति होती है।
वैसे तो सभी नौ ग्रहों का अपना अलग महत्व और अलग प्रभाव होता है लेकिन इन सभी शनि को अत्यधिक क्रूर ग्रह माना गया है। शनिदेव को न्यायाधीश का पद प्राप्त है। अत: ये हमारे कर्मों के अनुसार हमें शुभ या अशुभ फल प्रदान करते हैं। सामान्यत: शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या को परेशानियां देने वाला ही माना जाता है। इस समय में शनि के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए प्रति शनिवार किसी पवित्र बहती नदी में सूखा नारियल और बादाम प्रवाहित करें। इस उपाय को अपनाने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या में भी लाभ प्राप्त होता है। धन संबंधी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। घर-परिवार में खुशियोंभरा माहौल बना रहता है। इस उपाय के साथ शनिवार को तेल का दान करना भी अच्छा रहता है।
सूखा नारियल और बादाम नदी में बहाएं, पैसों के साथ मिलेगी खुशियां
देवी-देवताओं के पूजन में नारियल का खास महत्व है। ऐसा माना जाता है भगवान की पूजा में नारियल चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं। इसी वजह से नारियल के बिना किसी भी प्रकार का विधि-विधान से किया जाने वाला पूजन कर्म पूर्ण नहीं माना जा सकता। नारियल के महत्व को देखते हुए ज्योतिष में इससे संबंधित कई उपाय बताए गए हैं।
यदि कोई व्यक्ति जीवन में अत्यधिक कष्ट भोग रहा है और कार्यों में सफलता नहीं मिल रही है तो ज्योतिष कुछ उपाय बताए गए हैं। जिन्हें अपनाने से कई प्रकार के ग्रह दोष स्वत: ही दूर हो जाते हैं और सुख की प्राप्ति होती है।
वैसे तो सभी नौ ग्रहों का अपना अलग महत्व और अलग प्रभाव होता है लेकिन इन सभी शनि को अत्यधिक क्रूर ग्रह माना गया है। शनिदेव को न्यायाधीश का पद प्राप्त है। अत: ये हमारे कर्मों के अनुसार हमें शुभ या अशुभ फल प्रदान करते हैं। सामान्यत: शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या को परेशानियां देने वाला ही माना जाता है। इस समय में शनि के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए प्रति शनिवार किसी पवित्र बहती नदी में सूखा नारियल और बादाम प्रवाहित करें। इस उपाय को अपनाने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या में भी लाभ प्राप्त होता है। धन संबंधी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। घर-परिवार में खुशियोंभरा माहौल बना रहता है। इस उपाय के साथ शनिवार को तेल का दान करना भी अच्छा रहता है।
यदि कोई व्यक्ति जीवन में अत्यधिक कष्ट भोग रहा है और कार्यों में सफलता नहीं मिल रही है तो ज्योतिष कुछ उपाय बताए गए हैं। जिन्हें अपनाने से कई प्रकार के ग्रह दोष स्वत: ही दूर हो जाते हैं और सुख की प्राप्ति होती है।
वैसे तो सभी नौ ग्रहों का अपना अलग महत्व और अलग प्रभाव होता है लेकिन इन सभी शनि को अत्यधिक क्रूर ग्रह माना गया है। शनिदेव को न्यायाधीश का पद प्राप्त है। अत: ये हमारे कर्मों के अनुसार हमें शुभ या अशुभ फल प्रदान करते हैं। सामान्यत: शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या को परेशानियां देने वाला ही माना जाता है। इस समय में शनि के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए प्रति शनिवार किसी पवित्र बहती नदी में सूखा नारियल और बादाम प्रवाहित करें। इस उपाय को अपनाने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या में भी लाभ प्राप्त होता है। धन संबंधी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। घर-परिवार में खुशियोंभरा माहौल बना रहता है। इस उपाय के साथ शनिवार को तेल का दान करना भी अच्छा रहता है।
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