Sunday, May 20, 2012

बहुत तेज होता है गुस्सा इन लोगों का, नाम के पहले अक्षर से पहचानिए..


जिन लोगों के नाम का पहला अक्षर ई, उ, ए, ओ, वा, वि, वू, वे, वो से शुरू होता है वे वृष राशि वाले माने जाते हैं। इस राशि का चिन्ह बैल है। बैल स्वभाव से ही अधिक परिश्रमी और अधिक वीर्यवान होता है। साधारणत: वह शांत रहता है किन्तु क्रोध आने पर वह उग्र रूप धारण कर लेता है। यह स्वभाव वृष राशि के जातक में भी पाया जाता है। वृष राशि का स्वामी शुक्र ग्रह है। इसके अन्तर्गत कृत्तिका नक्षत्र के तीन चरण, रोहिणी के चारों चरण और मृगशिरा के प्रथम दो चरण आते हैं।

इस राशि के लोगों को पिता-पुत्र का कलह सहन करना पड़ता है। जातक का मन सरकारी कार्यों की ओर रहता है। सरकारी ठेकेदारी का कार्य करवाने की योग्यता रहती है। पिता के पास जमीनी काम या जमीन के द्वारा जीविकोपार्जन का साधन होता है। वृष राशि के अधिकतर लोग शराब और मांसाहार  भोजन में अपनी रूचि को प्रदर्शित करता है।

गुरु का प्रभाव जातक में ज्ञान के प्रति अहम भाव को पैदा करने वाला होता है, वह जब भी कोई बात करता है तो गर्व की बात करता है। सरकारी क्षेत्रों की शिक्षाएं और उनके काम व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यदि इनकी कुंडली में किसी प्रकार से केतु का बल भी मिल जाता है तो व्यक्ति सरकार का मुख्य सचेतक बनने की योग्यता रखता है। मंगल के प्रभाव से व्यक्ति क्रोधी स्वभाव का हो सकता है। कल-कारखानों का संचालन, स्वास्थ्य कार्यों और जनता के झगड़े सुलझाने का कार्य जातक कर सकता है। इनकी माता को कई प्रकार की आपत्तियों का सामना करना पड़ता है। ये अधिक सौन्दर्य बोधी और कला प्रिय होते हैं। जातक कला के क्षेत्र में नाम करता है। वृष राशि के लोग अपने जीवन साथी के अधीन रहना पसंद करता है। ये उत्तम श्रेणी के प्रेमी होते हैं।

इन लोगों को चन्द्र-बुध के प्रभाव से संतान के रूप में कन्या प्राप्त होने के अधिक योग रहते हैं। जीवन में व्यापारिक यात्राएं काफी होती हैं। कभी-कभी व्यक्ति अपने ही बनाए हुए उसूलों पर जीवन चलाता है, वह मकड़ी जैसा जाल बुनता रहता है और अपने ही बुने जाल में फंस जाता है। रोहिणी के चौथे चरण के मालिक चन्द्र-चन्द्र है, जातक के अन्दर हमेशा उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहती है, वह अपने ही मन का राजा होता है।

यदि इन लोगों की कुंडली में मंगल-सूर्य की युति हो तो व्यक्ति अपने शरीर से दुबले-पतले और गुस्सेवाले हो सकते हैं। इन लोगों में आदेश देने की प्रवृत्ति होती है। जातक अगर राज्य में किसी भी विभाग में काम करते हैं तो सरकारी सम्पत्ति को किसी भी तरह से क्षति नहीं होने देते। मंगल-बुध जातक के अन्दर कभी कठोर और कभी नर्म भावनाएं पैदा करते हैं। इनका मन कम्प्यूटर और इलेक्ट्रोनिक क्षेत्र की ओर होता है। वृष राशि वाले जातक शांति पूर्वक रहना पसंद करते हैं।

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